
कश्मीर हमले से कुछ कदम दूर था चौहान परिवार, समय रहते लौटे, अब दून में ली राहत की सांस
देहरादून : कश्मीर से दून लौटा चौहान परिवार अब राहत की सांस ले रहा है। आतंकी हमले के दौरान देहरादून निवासी चौहान परिवार पहलगाम में ही मौजूद थे। हमले से कुछ घंटे पहले ही वह और उनका परिवार उस स्थान की ओर रवाना होने ही वाले थे, जहां आतंकी हमला भी हुआ।
बकौल चौहान, आतंकी घटना के बाद वे होटल ही लौट गए, लेकिन पूरी रात दहशत में ही काटी। देर रात उन्हें सीएम पुष्कर सिंह धामी ने फोन किया व कुशल क्षेम पूछी। मुख्यमंत्री ने उन्हें हर तरह की मदद का भरोसा भी दिया।
केएस चौहान प्रदेश सरकार के सूचना एवं लोक संपर्क विभाग में संयुक्त निदेशक पद पर भी कार्यरत हैं। वह पत्नी सुमित्रा, बेटे विनोद व बेटी अनन्या के साथ 19 अप्रैल को कश्मीर घूमने गए थे। वे 20 को गुलमर्ग, 21 को डल झील व 23 को पहलगाम घूमने पहुंचे। सैर के दौरान उन्हें कहीं से भी ऐसा एहसास ही नहीं हुआ कि वे किसी असुरक्षित स्थान पर हैं। हजारों की संख्या में पर्यटक वहां पहुंचे थे और स्थानीय लोग भी वहां खूब घुले-मिले थे।
चौहान के मुताबिक, जम्मू से लेकर पहलगाम तक सड़क के दोनों ओर सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी थे। इन सबके बीच किसी आतंकी हमले की कल्पना ही नहीं की जा सकती थी। हम पहलगाम से उस स्थान की ओर पैदल मार्ग से जाने की तैयारी ही कर रहे थे, जहां आतंकी हमला हुआ। लेकिन रवाना होने से ठीक पहले ही सूचना आई कि वहां तो आतंकी हमला हो गया है।
देखते ही देखते वहां भगदड़ भी मच गई। सेना, पुलिस व अर्द्ध सैनिक बल चप्पे-चप्पे में फैल गए। सघन जांच अभियान भी तेज हो गया। हम भी बहुत मुश्किल से होटल पर पहुंचे। चौहान के मुताबिक, इस घटना से स्थानीय लोग भी बहुत चिंतित थे। उनका मानना था कि आतंकियों ने पर्यटकों को नहीं बल्कि उनकी ही रोजी-रोटी पर हमला बोला है। हजारों की संख्या में पर्यटक घाटी से लौटने भी लगे हैं। पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल था और पर्यटकों के लौटने से छोटे से बड़ा स्थानीय कारोबारी भी बहुत चिंतित था। उन्हें आशंका है कि घाटी में सुरक्षा का भरोसा लौटने में अब कई वर्ष भी लग जाएंगे।