बुलंदशहर से मेरठ तक फैली हैवानियत: कार में सामूहिक दुष्कर्म, सहेली को फेंककर हत्या, पुलिस की लापरवाही से खौफनाक वारदात

नोएडा/मेरठ। बुद्धपूर्णिमा से ठीक पहले उत्तर प्रदेश के 6 जिलों में गुज़री एक कार, और उसी में दर्ज है वह वीभत्स कहानी, जिसने पूरे प्रदेश की पुलिस व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म व उसकी 20 वर्षीय सहेली की हत्या के मामले में गौतमबुद्धनगर कमिश्नरेट की सूरजपुर पुलिस की घोर लापरवाही भी सामने आई है। पीड़िता के परिजन 2 दिन तक थाने के चक्कर काटते रहे, लेकिन न तो कार्रवाई हुई और न ही गुमशुदगी ही दर्ज की गई।

घटना की शुरुआत और पुलिस की चूक

4 मई को ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर क्षेत्र में रहने वाली युवती व उसकी 17 वर्षीय सहेली (जो प्रतापगढ़ की रहने वाली है) 3 युवकों से मिलीं। 6 मई की शाम को वे फिर मिले, और यहीं से शुरू होती है दरिंदगी की कहानी।

आरोपियों — संदीप, अमित (दोनों सूरजपुर निवासी) और गौरव (लोनी, गाजियाबाद) — ने लड़कियों को जबरन ही बीयर पिलाई और कार में घुमाते भी रहे। देर रात दोनों के साथ मारपीट भी हुई, और जब विरोध किया गया, तो युवती को मेरठ के जानी थाना क्षेत्र में चलती कार से ही फेंक दिया गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

यूपीआई से ट्रेस हुए दरिंदे, खुर्जा पुलिस ने दिखाई तत्परता

दुष्कर्म की शिकार किशोरी ने 7 मई को खुर्जा सिटी कोतवाली पहुंचकर पूरा मामला बताया। खुर्जा पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए यूपीआई ट्रांजेक्शन की मदद से आरोपियों की पहचान भी की।

जांच में सामने आया कि आरोपियों ने सूरजपुर के एक बीयर बार से 8 बीयर कैन खरीदी थीं और भुगतान डिजिटल ट्रांजेक्शन से ही किया गया था। इसी से पुलिस को पहली पुख्ता कड़ी भी मिली।

सूरजपुर पुलिस ने लापता युवती की रिपोर्ट तक नहीं ली

किशोरी की सहेली की मौत की खबर मिलने से पहले ही परिजन 7 मई की सुबह सूरजपुर थाने पहुंचे थे, लेकिन पुलिस ने कोई रिपोर्ट ही दर्ज नहीं की। 8 मई को भी परिजन दोबारा पहुंचे, मगर कार्रवाई नहीं हुई। जब 9 मई को खुर्जा पुलिस पीड़िता के बयान के आधार पर जांच करती हुई सूरजपुर पहुंची, तब जाकर सूरजपुर पुलिस ने स्वीकार किया कि परिजन उनसे संपर्क भी कर चुके थे।

मेरठ में शव मिलने के बाद पहचान हुई

7 मई की सुबह जानी थाना क्षेत्र के टिमकिया के पास एक युवती का शव मिला था। शव की पहचान नहीं होने पर उसे मोर्चरी में भेज दिया गया था। 9 मई की रात को परिजन मेरठ पहुंचे व शव की शिनाख्त की। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर में गंभीर चोट को मौत का कारण भी बताया गया है। हालांकि दुष्कर्म की पुष्टि तो नहीं हो पाई है।

डिजिटल साक्ष्य और CCTV से पकड़े जाएंगे आरोपी

डीआईजी कलानिधि नैथानी ने बताया कि पुलिस टोल प्लाजा व हाईवे के CCTV फुटेज खंगाल रही है। आरोपी मेरठ-बागपत हाईवे और बुलंदशहर-हाईवे पर भी देखे गए हैं।
मेरठ के बालैनी टोल प्लाजा से लेकर बुलंदशहर तक उनकी कार की मूवमेंट भी रिकॉर्ड की जा रही है।

सुरक्षा में चूक, छह जिलों में घूमती रही कार, पुलिस रही अनजान

यह कार ग्रेटर नोएडा से निकलकर गाजियाबाद, बागपत, मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर होते हुए खुर्जा में पहुंची। इस दौरान किसी भी थाने या चेकपोस्ट पर कोई कार्रवाई ही नहीं हुई।
डीआईजी ने माना कि यदि सघन चेकिंग होती, तो यह घटना रोकी भी जा सकती थी।

अब सख्ती के आदेश

  • डीआईजी ने नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे पर रात में सघन चेकिंग के निर्देश भी दिए हैं।
  • टोल प्लाजा कर्मियों को भी संदिग्ध वाहनों की सूचना तुरंत पुलिस को देने का आदेश भी मिला है।
  • खुर्जा पुलिस इस केस की मुख्य जांच कर रही है और मेरठ पुलिस हर संभव सहयोग भी दे रही है।

एक सवाल – क्या यह घटना रोकी जा सकती थी?

सवाल सिर्फ दरिंदों की मानसिकता का नहीं, बल्कि उस सिस्टम का भी है जिसने समय रहते सुनवाई ही नहीं की।
अगर सूरजपुर पुलिस समय पर गुमशुदगी दर्ज कर पीड़िता की तलाश करती, अगर हाईवे पर चेकिंग होती, तो शायद इस कहानी का अंत इतना खौफनाक तो नहीं होता।