गर्मी बढ़ते ही बिजली संकट गहराया, प्रदेश में कई शहरों में कटौती, उद्योगों पर भी असर

देहरादून: गर्मी की शुरुआत के साथ ही उत्तराखंड में बिजली की मांग तेज़ी से बढ़ रही है, जिससे कटौती की समस्या भी सामने आने लगी है। सोमवार और मंगलवार को प्रदेश के कई इलाकों में बिजली की आपूर्ति बाधित रही। बिजली वितरण कंपनी यूपीसीएल (उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड) ने स्थिति से निपटने के लिए गढ़वाल व कुमाऊं मंडल के स्टील फर्नेस उद्योगों में क्रमश: ढाई से सवा चार घंटे की कटौती भी की है।

ग्रामीण क्षेत्रों में भी बिजली संकट

सोमवार को प्रदेश में बिजली की कुल मांग 4.8 करोड़ यूनिट तक पहुंच गई, जबकि आपूर्ति 4.6 करोड़ यूनिट तक ही सीमित रही। इस कारण करीब 20 लाख यूनिट की कमी भी दर्ज की गई। इस बिजली संकट का असर हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर के ग्रामीण इलाकों में देखने को मिला, जहां क्रमश: 3 घंटे 5 मिनट और 2 घंटे 45 मिनट की बिजली कटौती की गई।

उद्योगों पर पड़ा असर

बिजली की किल्लत का असर प्रदेश के स्टील उद्योगों पर भी देखने को मिला है।

  • गढ़वाल मंडल के स्टील फर्नेस में ढाई घंटे
  • कुमाऊं मंडल में 4 घंटे 15 मिनट की बिजली कटौती की गई।
  • हालांकि यूपीसीएल ने औपचारिक रूप से केवल 1.31 घंटे की कटौती स्वीकार की है।

मांग में भारी उछाल की आशंका

यूपीसीएल के मुताबिक इस सप्ताह बिजली की मांग 5 करोड़ यूनिट से बढ़कर 5.5 करोड़ यूनिट तक भी पहुंच सकती है। इस अनुमान के अनुसार आपूर्ति की तैयारियां की जा रही हैं, लेकिन इस बार एक और बड़ी चुनौती भी सामने है। बिजली नियामक आयोग ने बाजार से शॉर्ट टर्म बिजली खरीद पर 5% की सीमा भी निर्धारित कर दी है, जिससे यूपीसीएल की विकल्प ही सीमित हो गए हैं।

यूपीसीएल प्रबंधन का कहना है कि “हम मांग के सापेक्ष अधिकतम आपूर्ति सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं,” लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि अगर गर्मी का प्रकोप इसी तरह जारी रहा तो कटौती और भी लंबी हो सकती है।