हल्द्वानी में गजब : 1,060 पौधों पर खर्च हुए 48 लाख रुपये, एक पौधे पर 4,608 रुपये का खर्च, हाईकोर्ट में वन विभाग का खुलासा

हल्द्वानी के बरेली रोड पर लगाए गए महज 1,060 पौधों पर वन विभाग ने करीब 48.85 लाख रुपये ही खर्च कर डाले, जिससे प्रति पौधा लागत 4,608 रुपये भी बैठी है। यह जानकारी वन विभाग की ओर से उत्तराखंड हाईकोर्ट में दायर शपथपत्र में सामने भी आई है। मामला एक जनहित याचिका के तहत चल रही सुनवाई के दौरान ही उजागर हुआ।

जनहित याचिका में उठाया गया था सवाल

हल्द्वानी निवासी हिशांत आही द्वारा दाखिल जनहित याचिका में कहा गया था कि साल 2024 में बरेली रोड चौड़ीकरण के दौरान सैकड़ों पेड़ काटे गए, लेकिन उनके बदले क्षतिपूरक वनीकरण ही नहीं किया गया। इस पर हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी ने जनवरी 2025 में क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण का आदेश भी जारी किया था।

वन विभाग ने दी सफाई, ट्री गार्ड पर आया भारी खर्च

विवाद बढ़ने पर वन विभाग ने शपथपत्र में बताया कि हल्द्वानी रेंज के अंतर्गत 8,301 मीटर लंबाई में कुल 1,060 पौधे ही रोपे गए हैं, जिन पर 48,85,200 रुपये खर्च भी किए गए। इस पर सवाल उठते ही वन विभाग के डीएफओ उमेश चंद्र तिवारी ने सफाई दी कि,

“पौधरोपण तय मानकों व दरों के अनुसार ही किया गया है। लगाए गए पौधों की सुरक्षा के लिए मजबूत ट्री गार्ड भी लगाए गए हैं, जिस कारण कुल लागत भी बढ़ गई।”

सवालों के घेरे में आया खर्च

हालांकि, विशेषज्ञों व स्थानीय नागरिकों का कहना है कि प्रति पौधा 4,608 रुपये खर्च होना सामान्य से काफी अधिक भी है, और इसमें भारी वित्तीय अनियमितता की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता। अब मामला हाईकोर्ट की निगरानी में है और अगले चरण में न्यायालय इस खर्च की पारदर्शिता व औचित्य की जांच भी कर सकता है।

ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या हरियाली के नाम पर सरकारी खजाने पर भारी बोझ भी डाला गया, या फिर ये एक और योजनागत लापरवाही का भी मामला है?

अगली सुनवाई में हाईकोर्ट वन विभाग से और जवाब भी तलब कर सकता है।