अल्मोड़ा: गुलदार ने मचाया हड़कंप, पॉश इलाके में घर के बाथरूम में घुसा तेंदुआ, वन विभाग ने किया रेस्क्यू
उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में इन दिनों मानव-वन्यजीव संघर्ष तेजी से बढ़ता जा रहा है। ताजा मामला अल्मोड़ा शहर के पूर्वी पोखरखाली क्षेत्र का है, जहां एक गुलदार (तेंदुआ) रात के समय एक घर के बाथरूम में घुस गया, जिससे स्थानीय लोगों में भारी दहशत फैल गई। गनीमत यह रही कि समय रहते वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर गुलदार को सुरक्षित पकड़ लिया। घटना मंगलवार देर रात की है। जानकारी के अनुसार पूर्वी पोखरखाली स्थित पंकज तिवारी के घर में रह रहे किरायेदार सुरेश कुमार ने रात करीब 1:30 बजे कुत्तों की तेज भौंकने की आवाज सुनी। पहले उन्होंने अनदेखा किया, लेकिन बार-बार कुत्तों के हल्ले से चिंतित होकर बाहर निकले।
उन्होंने बताया कि जब उन्होंने पीछे के बाथरूम में झांका, तो एक कुत्ता खून से लथपथ हालत में बाहर भागता दिखा और अंदर स्लैब पर गुलदार बैठा था जिसकी पूंछ बाहर लटक रही थी। तुरंत समझदारी दिखाते हुए सुरेश ने बाथरूम का दरवाजा बंद किया और सुबह 5 बजे 112 नंबर पर सूचना दी। करीब 6 बजे पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। क्षेत्रीय वन अधिकारी मोहन राम के नेतृत्व में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। टीम ने गुलदार को ट्रेंकुलाइज (बेहोश) किया और उसे पिंजरे में डालकर सुरक्षित रेस्क्यू सेंटर पहुंचाया।
वन विभाग के अनुसार, पकड़ा गया गुलदार करीब 3 से 4 साल का है। उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा और ठीक होने के बाद उसे प्राकृतिक आवास क्षेत्र में छोड़ दिया जाएगा।
अल्मोड़ा में लगातार बढ़ रही है गुलदारों की संख्या
यह पहली घटना नहीं है। अल्मोड़ा जिले में हाल के महीनों में गुलदारों की आवाजाही लगातार बढ़ रही है। इससे पहले:
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चीनखान और गोलनाकरडिया क्षेत्र से भी गुलदार पकड़े गए थे।
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गोपालधारा, त्रिपुरा सुंदरी मंदिर, और एल आर साह रोड पर भी लोगों ने तेंदुओं को खुलेआम घूमते देखा है।
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रामलीला के दौरान भी गुलदार दिखने से आयोजनों में डर का माहौल बन गया था।
वन विभाग की अपील: सावधानी बरतें, रात में बाहर न निकलें
वन विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे विशेषकर रात के समय बिना आवश्यकता घरों से बाहर न निकलें। छोटे बच्चों और पालतू जानवरों को अकेले न छोड़ें, और यदि कहीं गुलदार दिखाई दे तो तुरंत 112 या वन विभाग को सूचना दें।
वन अधिकारी मोहन राम ने बताया:
“गुलदारों की बढ़ती गतिविधियां प्राकृतिक भोजन की कमी और मानव बस्तियों के फैलाव के कारण हो रही हैं। हम इन घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए टीमों को सक्रिय कर रहे हैं।”
यह सभी कारण वन्यजीवों को मानव बस्तियों की ओर आकर्षित कर रहे हैं, जो भविष्य में और भी गंभीर चुनौतियां ला सकते हैं। पूर्वी पोखरखाली में गुलदार के घर में घुसने की घटना एक बार फिर साबित करती है कि उत्तराखंड में मानव और वन्यजीवों के बीच का फासला घटता जा रहा है। ऐसे में वन विभाग, स्थानीय प्रशासन और नागरिकों को मिलकर सुरक्षा और बचाव की दिशा में सतर्कता बरतनी होगी।