अरुषि निशंक का कांस डेब्यू बना ग्लोबल मैसेज का मंच
उत्तराखंड के पूर्व सीएम डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ की बेटी, प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना, अभिनेत्री व सामाजिक कार्यकर्ता अरुषि निशंक ने इस वर्ष कांस फिल्म फेस्टिवल में अपने डेब्यू के साथ एक अनूठा व प्रभावशाली बयान भी दिया। उनका यह डेब्यू सिर्फ़ फैशन के लिए नहीं, बल्कि एक बड़े वैश्विक संदेश के लिए चर्चा में भी रहा।
रेड कार्पेट पर अरुषि ने एक ऐसी ड्रेस में एंट्री की, जो फैब्रिक वेस्ट यानी कपड़ों के कचरे से बनाई गई थी। यह ड्रेस न केवल खूबसूरत व आकर्षक थी, बल्कि एक सस्टेनेबल फैशन का उदाहरण भी बनी। उनकी उपस्थिति ने यह साबित किया कि ग्लैमर व पर्यावरणीय जागरूकता साथ-साथ चल सकते हैं।
रेड कार्पेट पर सस्टेनेबिलिटी का संदेश
अरुषि की ड्रेस में जटिल हाथ से की गई कढ़ाई व सस्टेनेबल डिजाइन की विशेषताएं भी शामिल थीं। हरे रंग की यह ड्रेस जीवन शक्ति और प्रकृति से जुड़ाव को भी दर्शाती है। यह ड्रेस शून्य-अपशिष्ट तकनीक से तैयार की गई थी और उसमें उपयोग की गई सभी सामग्री नैतिक रूप से सोर्स भी की गई थी।
अरुषि का यह कलेक्शन न सिर्फ़ सर्कुलर फैशन को बढ़ावा देता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारतीय शिल्प व परंपराएं वैश्विक मंच पर कैसे एक ठोस पर्यावरणीय संदेश भी दे सकती हैं।
पैनल डिस्कशन में भारत की आवाज बनीं
कांस में आयोजित “मेकिंग इंडिया ए ग्लोबल फिल्म पावरहाउस” पैनल में अरुषि बतौर अतिथि भी शामिल हुईं। इस दौरान उन्होंने कहा,
“फिल्मों में फैशन और सोर्स मैटेरियल का उपयोग अब केवल सुंदरता तक सीमित नहीं रहा। यह एक नई सोच को दर्शाता है – पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों और सस्टेनेबल इकोनॉमी को शामिल करने की दिशा में यह एक क्रांतिकारी कदम भी है।”
उन्होंने आगे कहा कि यह बदलाव फिल्म और फैशन इंडस्ट्री में स्थिरता (sustainability) के बढ़ते महत्व को उजागर भी करता है।
संयुक्त राष्ट्र में भी उठा चुकी हैं पर्यावरण की आवाज
इससे पहले अरुषि निशंक संयुक्त राष्ट्र, जिनेवा में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा भी ले चुकी हैं, जहां उन्होंने पर्यावरण व वैश्विक जल संकट पर गंभीर चिंता भी जताई थी। उन्होंने कहा था कि सर्कुलर इकोनॉमी किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा भी दे सकती है।
कांस जैसे वैश्विक मंच पर अरुषि निशंक की यह पहल न सिर्फ भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक सोच को प्रदर्शित भी करती है, बल्कि सस्टेनेबिलिटी जैसे मुद्दों पर दुनिया भर का ध्यान भी आकर्षित भी करती है। फैशन के जरिए ऐसा संदेश देना निश्चित रूप से एक सराहनीय प्रयास भी है।