खटीमा निवासी को स्कूटी का चालान, वाहन कभी काशीपुर गया ही नहीं! ई-चालान सिस्टम पर उठे सवाल

खटीमा | उत्तराखंड के खटीमा से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने राज्य की ई-चालान प्रणाली की सटीकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यहां एक व्यक्ति के पास बाइक होने के बावजूद, काशीपुर में स्कूटी का चालान भेजा गया है — और वो भी एक महिला राइडर का!

खटीमा के पहेनिया निवासी उग्रसेन के मोबाइल पर 23 जून 2025 को पहला ई-चालान मैसेज आया, जिसमें बताया गया कि उनका वाहन काशीपुर में ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते पकड़ा गया है। शुरू में उन्होंने इस मैसेज को गलती मानकर नजरअंदाज कर दिया, लेकिन 11 सितंबर 2025 को जब दोबारा चेतावनी के साथ दूसरा नोटिस आया, तो उनके होश उड़ गए।

न बाइक गई, न व्यक्ति गया — फिर चालान क्यों?

पीड़ित उग्रसेन का कहना है कि:

“मैं कभी काशीपुर गया ही नहीं और मेरे पास स्कूटी नहीं, बाइक है। ऐसे में स्कूटी का चालान मेरे नाम पर कैसे आ सकता है, ये समझ से परे है।”

उग्रसेन की बाइक का नंबर है UK 06 Z 1319, और चालान जिस स्कूटी पर हुआ है उसका नंबर भी यही है। इससे एक गंभीर सवाल खड़ा होता है — क्या एक ही रजिस्ट्रेशन नंबर के दो वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं?

कौन है असली दोषी? फोटो में महिला, चालान पुरुष को

ऑनलाइन दस्तावेजों से पता चला कि चालान उस स्कूटी का है, जिसे एक महिला बिना हेलमेट चला रही थी। ट्रैफिक पुलिस ने बिना हेलमेट, बिना ड्राइविंग लाइसेंस और बिना बीमा के तहत कुल ₹4,500 का चालान काटा है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि चालान सीधा खटीमा के बाइक स्वामी को भेज दिया गया।

प्रशासन की लापरवाही से मानसिक तनाव में पीड़ित

उग्रसेन इस गलती को लेकर जिला अधिकारी, एसएसपी, काशीपुर थाना और खटीमा थाना को शिकायत भेज चुके हैं। लेकिन अब तक उन्हें कोई समाधान नहीं मिला, उल्टे दो बार चालान का नोटिस जरूर भेजा जा चुका है।

“यदि एक ही नंबर के दो वाहन चल रहे हैं, तो भविष्य में इसका दुरुपयोग हो सकता है। ऐसी स्थिति में मुझ पर किसी आपराधिक गतिविधि का झूठा आरोप भी लग सकता है।”
– पीड़ित उग्रसेन

पुलिस ने काशीपुर जाने को कहा, सिस्टम में सुधार की जरूरत

जब उग्रसेन अपनी शिकायत लेकर खटीमा कोतवाली पहुंचे, तो उन्हें कहा गया कि वे काशीपुर थाना क्षेत्र में संपर्क करें, क्योंकि चालान वहीं से जारी हुआ है। यह स्थिति दर्शाती है कि एक आम नागरिक को सिस्टम की गलती के कारण जगह-जगह भटकना पड़ रहा है।