भर्ती परीक्षा में फिर भाजपा नेता का नाम चर्चा में, पेपर लीक कांड से जुड़ा उनके स्कूल का कनेक्शन

देहरादून/ राज्य में नकल विरोधी कानून लागू होने के बावजूद भर्ती परीक्षाओं में घोटाले थमने का नाम नहीं ले रहे। अब एक और मामला सामने आया है, जिसमें पेपर लीक कांड से भाजपा नेता धर्मेंद्र चौहान के स्कूल का नाम जुड़ गया है। इससे पार्टी को खासा राजनीतिक नुकसान झेलना पड़ सकता है। सोशल मीडिया पर स्कूल के फोटो और मुख्यमंत्री के साथ भाजपा नेता की तस्वीरें वायरल हो रही हैं।

भाजपा जिलाध्यक्ष आशुतोष शर्मा ने पूरे मामले की रिपोर्ट पार्टी हाईकमान को भेज दी है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि स्कूल में परीक्षा संचालन आयोग द्वारा किया गया था और उस कक्ष में स्कूल स्टाफ की कोई ड्यूटी नहीं थी।

धामी सरकार की कोशिशों को झटका, फिर भाजपा से जुड़ा नाम आया सवालों में

एक ओर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने और नकल पर लगाम कसने के लिए कड़े कानून बना रही है, वहीं दूसरी ओर भाजपा नेताओं से जुड़े नाम पेपर लीक मामलों में सामने आना सरकार की छवि को नुकसान पहुंचा रहा है।

इससे पहले अप्रैल 2023 में भाजपा नेता संजय धारीवाल को पटवारी, जेई और एई भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया गया था। उस समय धारीवाल पर 50 हजार का इनाम घोषित किया गया था।

कौन हैं धर्मेंद्र चौहान?

  • भाजपा हरिद्वार जिला संगठन के वर्तमान मीडिया प्रभारी

  • पूर्व में भाजपा किसान मोर्चा में जिला महामंत्री सहित विभिन्न पदों पर रहे

  • हरिद्वार जिले में पार्टी संगठन में अच्छी पकड़ मानी जाती है

अब उनके ही स्कूल में पेपर लीक का मामला सामने आने से राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। माना जा रहा है कि पार्टी हाईकमान इस मामले को गंभीरता से ले रहा है।

भाजपा का बचाव: “नेता का कोई लेना-देना नहीं”

भाजपा जिलाध्यक्ष आशुतोष शर्मा द्वारा भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया है:

“परीक्षा आयोग ने स्कूल को परीक्षा केंद्र के रूप में चुना था। जिस कक्ष में पेपर लीक की बात कही जा रही है, वहां स्कूल स्टाफ की कोई ड्यूटी नहीं थी। धर्मेंद्र चौहान का इस प्रकरण से कोई लेना-देना नहीं है।”

हालांकि, इस सफाई के बावजूद सोशल मीडिया पर विपक्षी दलों ने भाजपा पर हमला तेज कर दिया है। प्रदेश में आम जनता भी इस बात से नाराज है कि सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद भर्ती परीक्षाओं में धांधली नहीं रुक पा रही है, और अक्सर नाम सत्ताधारी दल से ही जुड़ता है।

पेपर लीक मामलों में भाजपा नेताओं की पुनरावृत्ति से उठे सवाल

  • संजय धारीवाल (2023): पूर्व मंडल अध्यक्ष, पेपर लीक में गिरफ्तारी

  • अब धर्मेंद्र चौहान: जिला मीडिया प्रभारी, स्कूल से पेपर लीक जुड़ाव

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर भाजपा नेतृत्व ने इन मामलों पर सख्त रुख नहीं अपनाया तो पार्टी की छवि को भारी नुकसान हो सकता है, खासकर युवाओं में जो रोजगार को लेकर पहले से ही नाराज हैं।

फिलहाल जांच जारी है, लेकिन विपक्ष के निशाने पर है सत्तारूढ़ दल

भर्ती घोटालों में भाजपा नेताओं के नाम आने से विपक्ष को सत्तारूढ़ दल पर हमला करने का मौका मिल गया है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने सोशल मीडिया और प्रेस बयानों के ज़रिए सरकार की जवाबदेही पर सवाल उठाए हैं।

क्या कहती है जनता?

“हर बार कड़े कानूनों की बात होती है, लेकिन पेपर तो फिर भी लीक हो जाता है। और नाम उन्हीं का आता है जो सत्ता में हैं।”
– एक अभ्यर्थी, देहरादून

 स्थिति पर नजर बनाए हुए है पार्टी हाईकमान
भाजपा संगठन फिलहाल मामले की गंभीरता को देखते हुए भीतरखाने मंथन में जुटा है। संभावना है कि आने वाले दिनों में धर्मेंद्र चौहान से संगठनिक स्तर पर स्पष्टीकरण मांगा जा सकता है।