कन्या भ्रूण हत्या पर कड़ी कार्रवाई हो, पीसीपीएनडीटी एक्ट का सख्ती से हो पालन: डॉ. सी.पी. त्रिपाठी

देहरादून :  स्वास्थ्य सेवा निदेशालय, डाडा लाखोंड़ देहरादून के सभागार में राज्य समुचित प्राधिकारी एवं निदेशक डॉ. सी.पी. त्रिपाठी की अध्यक्षता में पीसीपीएनडीटी एक्ट (गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम, 1994) के तहत गठित राज्य सलाहकार समिति की महत्वपूर्ण बैठक भी आयोजित की गई। बैठक में कई पदाधिकारी और विशेषज्ञ वर्चुअल माध्यम से भी शामिल हुए।

बैठक में हरिद्वार जनपद में घटते लिंगानुपात को लेकर गहरी चिंता भी जताई गई। उपस्थित अधिकारियों ने इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा करते हुए आवश्यक सुझाव भी दिए। डॉ. त्रिपाठी ने जिला स्तर पर गठित पीसीपीएनडीटी समितियों को और अधिक सक्रिय और प्रभावी बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या जैसे जघन्य अपराध करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई भी की जानी चाहिए। साथ ही, केंद्र व राज्य सरकार द्वारा बेटियों के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी लोगों तक पहुंचाई भी जाए ताकि बेटियों के जन्म को उत्सव के रूप में भी देखा जाए।

बैठक में भारत सरकार द्वारा भ्रूण लिंग जांच रोकने के लिए चलाई जा रही मुखबिर इनाम योजना, नए अल्ट्रासाउंड केंद्रों के पंजीकरण और नवीनीकरण, और औचक निरीक्षण जैसे विषयों पर भी चर्चा की गई। यह भी निर्णय लिया गया कि पीसीपीएनडीटी टीम को नियमित निरीक्षण के साथ-साथ भ्रूण लिंग परीक्षण की शिकायत पर त्वरित छापेमारी भी करनी होगी।

साथ ही, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से क्षेत्रवार गर्भवती महिलाओं की जानकारी संकलित कर मॉनिटरिंग भी की जाएगी। समाज के प्रतिष्ठित लोगों को इस मुहिम से जोड़कर जन-जागरूकता अभियान चलाने पर भी विचार किया गया।

इस अवसर पर संयुक्त निदेशक डॉ. जे.एस. बिष्ट, सहायक निदेशक सूचना बी.सी. नेगी, सहायक निदेशक डॉ. अमलेश सिंह, डॉ. दीपक, विधि विशेषज्ञ अवधेश कुड़ियाल सहित अन्य अधिकारी व वर्चुअल माध्यम से जुड़े विशेषज्ञ उपस्थित रहे।