उत्तराखंड के स्टार्टअप को कारोबार के लिए वित्तीय सहयोग करने के मकसद से बनाए गए वेंचर फंड की नियमावली को अब मंजूरी का इंतजार।

उत्तराखंड के स्टार्टअप को कारोबार के लिए वित्तीय सहयोग करने के मकसद से बनाए गए वेंचर फंड की नियमावली को अब मंजूरी का इंतजार है। शासन स्तर पर वेंचर फंड को निजी या सरकारी क्षेत्र में संचालित करने पर विचार भी चल रहा है। जल्द ही उच्च स्तरीय बैठक में इस पर निर्णय भी लिया जाएगा।

 

प्रदेश सरकार ने नवाचार आइडिया को कारोबार में बदलने के लिए स्टार्टअप को वित्तीय मदद करने को 200 करोड़ का वेंचर फंड भी स्थापित किया है। लेकिन अभी तक वेंचर फंड को संचालित करने के लिए नियमावली को मंजूरी ही नहीं मिली है। जिससे स्टार्टअप को वेंचर फंड का लाभ ही नहीं मिल रहा है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक वेंचर फंड की नियमावली का प्रस्ताव शासन को भी भेजा जा चुका है।

 

शासन स्तर पर विचार चल रहा है कि वेंचर फंड का संचालन किसी एंजल इन्वेस्टर के माध्यम से किया जाए या सरकार सिडबी के माध्यम से ही चलाया जाए। इस पर फैसला लेने के लिए जल्द ही सचिव उद्योग विनय शंकर पांडेय की अध्यक्षता में बैठक भी होगी। इसके बाद ही नियमावली को मंजूरी भी मिल सकती है।

 

बता दें कि स्टार्टअप के सामने कारोबार शुरू करने के लिए सबसे बड़ी समस्या पूंजी निवेश की ही रहती है। इसके लिए स्टार्टअप को एंजल इन्वेस्टर्स के चक्कर भी लगाने पड़ते हैं। इस देखते हुए प्रदेश सरकार ने स्टार्टअप के लिए 200 करोड़ का वेंचर फंड भी बनाया है। इस फंड से स्टार्टअप अपना कारोबार को शुरू करने के लिए पैसा ले सकता है। कारोबार स्थापित होने के बाद इस पैसे को वापस भी लौटाना होगा।