राज्य गठन के 25 वर्ष: तीर्थाटन से एडवेंचर तक, उत्तराखंड बना वैश्विक पर्यटन का नया डेस्टिनेशन

देहरादून: उत्तराखंड ने अपने गठन के 25 वर्षों में पर्यटन के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति भी की है। कभी सिर्फ चारधाम यात्रा व मसूरी-नैनीताल जैसे सीमित स्थलों तक सिमटा पर्यटन अब राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ भी बन चुका है। साहसिक गतिविधियों, धार्मिक यात्राओं व नई पर्यटन योजनाओं के कारण आज उत्तराखंड वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर एक प्रमुख गंतव्य के रूप में भी उभरा है।

राज्य स्थापना के समय जहां पर्यटन सीमित था, वहीं अब हर वर्ष करोड़ों पर्यटक उत्तराखंड की वादियों में पहुंच रहे हैं। ऑल वेदर रोड, हेली सेवा व बेहतर बुनियादी सुविधाओं से चारधाम यात्रा पहले से कहीं अधिक सुगम भी हुई है। पिछले तीन वर्षों में 23 करोड़ से अधिक पर्यटक उत्तराखंड पहुंचे, जिससे होमस्टे, होटल, ढाबा, महिला स्वयं सहायता समूहों व परिवहन क्षेत्र को बड़ी राहत मिली है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण कार्य उत्तराखंड पर्यटन का मील का पत्थर भी साबित हुआ है। 2013 की आपदा के बाद खंडहर में तब्दील हुई केदारपुरी आज भव्य व दिव्य रूप में नजर आ रही है।
पहले चरण में ₹225 करोड़ के कार्य भी पूरे हो चुके हैं, जबकि दूसरे चरण का कार्य जारी ही है। वहीं, बदरीनाथ मास्टर प्लान के तहत बदरीनाथ को एक आध्यात्मिक पर्वतीय शहर के रूप में विकसित भी किया जा रहा है।

पर्वतमाला मिशन के तहत केदारनाथ व हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे निर्माण कार्य भी शुरू हो चुका है। अदाणी समूह को यह जिम्मेदारी सौंपी भी गई है। रोपवे तैयार होने के बाद श्रद्धालु कुछ ही मिनटों में बाबा केदार व गुरु गोबिंद सिंह के धाम तक पहुंच सकेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी के “वेड इन इंडिया” विजन को आगे बढ़ाते हुए राज्य सरकार वेडिंग डेस्टिनेशन नीति भी बना रही है। आने वाले समय में उत्तराखंड, अपने प्राकृतिक सौंदर्य व शांत वातावरण के कारण, देश-दुनिया में विवाह समारोहों के लिए एक आकर्षक गंतव्य भी बनेगा।

पर्यटक स्थलों पर बढ़ते दबाव को देखते हुए सरकार नए डेस्टिनेशन विकसित करने पर काम भी कर रही है। टिहरी झील को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए ₹1200 करोड़ की योजना को मंजूरी भी दी गई है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा,

“पर्यटन व तीर्थाटन उत्तराखंड की आर्थिकी का आधार हैं। इससे सीधे तौर पर स्थानीय लोगों की आजीविका भी जुड़ी है। प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में राज्य में वर्षभर पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के प्रयास भी जारी हैं।”