कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी में चिड़ियाघर के साथ वन्य जीव हॉस्पिटल और वाइल्डलाइफ रेस्क्यू सेंटर में एक साथ विश्व के पांच महाद्वीप में पाए जाने वाले वन्यजीवों के दीदार भी हो सकेंगे।

कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी में चिड़ियाघर के साथ वन्य जीव हॉस्पिटल और वाइल्डलाइफ रेस्क्यू सेंटर में एक साथ विश्व के पांच महाद्वीप ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, यूरोप, एशिया व अमेरिका में पाए जाने वाले वन्यजीवों के दीदार भी हो सकेंगे।

चिड़ियाघर और रेस्क्यू सेंटर के निर्माण के लिए सेंट्रल जू ऑथरिटी (सीजेडए) पहले से ही अनुमति दे चुकी है। अब केंद्र सरकार ने इसके लिए 27 करोड़ रुपये भी जारी किए हैं। खास बात यह है कि इस सेंटर में दूसरे राज्यों के वन्यजीवों का इलाज भी किया जा सकेगा।

वन्य जीव अस्पताल और रेस्क्यू सेंटर में गिद्ध, बाघ, तेंदुए व अन्य दुर्लभ वन्य जीवों के संरक्षण और स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी कार्ययोजना भी तैयार की गई है।

वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त हल्द्वानी दीप चंद्र आर्य ने बताया कि प्रस्तावित वन्य जीव हॉस्पिटल में वन्यजीवों के लिए बाड़े बनाकर उसे प्रस्तावित जू के पहले चरण का रूप भी दिया जाना है। इसके बाद यहां जू सफारी की योजना, पीपीपी मोड में शुरू भी की जानी है। इस बारे में सभी अनुमतियां राज्य सरकार को भी प्राप्त हो गई हैं।

जू व वन्य जीव अस्पताल के प्रस्तावित स्थल की चारदीवारी का काम पहले से ही पूरा हो चुका है। कुछ विभागीय औपचारिकताएं पूरी करने का काम राज्य स्तर पर ही बाकी है।

प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु ने बताया कि हल्द्वानी-जू और वाइल्ड लाइफ हॉस्पिटल के निर्माण पर भी तेजी से काम किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा मानव-वन्यजीव संघर्ष निवारण के जो काम पूर्व में सरकार ने अधूरे छोड़े थे, उसे अब बीजेपी सरकार ने पूरा कराया है। हल्द्वानी के गौलापार क्षेत्र में जू व वन्य जीव अस्पताल के निर्माण की बाधाएं भी अब दूर हो गई हैं, शीघ्र ही काम भी शुरू होगा। वन्य जीव अस्पताल के बन जाने से यहां बाघ, तेंदुए और हाथी जैसे वन्यजीवों का भी बेहतर इलाज किया जा सकेगा। दूसरे राज्यों से भी घायल वन्यजीवों को यहां इलाज भी दिया जाएगा।