बाहरी राज्यों को स्वास्थ्य विभाग ने भेजी एसओपी, यात्रियों को भी दी गई इस बार खास सलाह

चारधाम यात्रा में आने वाले तीर्थ यात्रियों की यात्रा को सुगम व सुरक्षित बनाने के लिए स्वास्थ्य विेभाग ने हिंदी और अंग्रेजी के साथ-साथ गुजराती, मराठी, तेलगू समेत 9 स्थानीय भाषाओं में मानक प्रचलन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार कर बाहरी राज्यों को भी भेज दी है। जिसमें यात्रा शुरू करने से पहले यात्रियों को स्वास्थ्य संबंधी दिशा-निर्देश भी दिए गए।

 

चारधाम यात्रा के लिए पर्यटन विभाग ने पंजीकरण की प्रक्रिया को भी शुरू कर दी है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने तीर्थ यात्रियों की यात्रा को सुगम व सुरक्षित बनाने के लिए तैयारियां भी शुरू कर दीं हैं। केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम उच्च हिमालयी क्षेत्र में है। जिनकी ऊंचाई समुद्र तल से करीब 2700 मीटर अधिक है।

 

इन क्षेत्रों में ठंड, कम आर्द्रता, अल्ट्रा वाइलेट रेडिएशन और हवा का कम दबाव से ऑक्सीजन की कमी के चलते स्वास्थ्य पर विपरीत असर भी पड़ता है। स्वास्थ्य विभाग ने एसओपी में यात्रियों को सलाह दी कि कम से कम 7 दिन के लिए चारधाम यात्रा की योजना भी बनाएं। केदारनाथ व यमुनोत्री धाम में पैदल चढ़ते समय प्रत्येक एक घंटे से दो घंटे के बाद 5 मिनट से 10 मिनट तक का विश्राम करें।

 

यात्रा के लिए गरम कपड़े, बारिश से बचाव के लिए रेनकोट, छाता, स्वास्थ्य जांच के लिए पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर साथ में रखें। हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, अस्थमा, मधुमेह से ग्रसित यात्री जरूरी दवा व डॉक्टर का नंबर भी अपने पास रखें। यात्रा के दौरान सीने में दर्द, सांस की तकलीफ, चक्कर आना और उल्टी आने पर नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या मेडिकल रिलीफ में प्राथमिक उपचार लें।

 

सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि चारधाम यात्रा के लिए एसओपी 11 भाषाओं में तैयार भी की गई है। इसमें हिंदी, अंग्रेजी के साथ 9 स्थानीय भाषाएं भी शामिल हैं। बाहरी राज्यों को एसओपी भेज भी दी गई है। जिससे दूसरे राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं अपनी भाषाओं में स्वास्थ्य संबंधित दिशा-निदर्शों का भी पालन कर सकें।