कोंग्रेस की जीत से लगा, बीजेपी को लगा बड़ा झटका
उत्तराखंड की मंगलौर और बदरीनाथ विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव के परिणाम सामने आ चुके हैं। जहाँ, मंगलौर विधानसभा सीट पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली। वहीं दोनों विधानसभा की 2 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। आपको बतादे कि मंगलौर से कॉग्रेसी प्रत्याशी , काजी निजामुद्दीन को 449 वोटों से जीती मिली। और बदरीनाथ सीट पर, कोंग्रेस प्रत्याशी, लखपत बुटोला ने पांच हजार से अधिक वोटों से जीत दर्ज की। जिसके बाद कांग्रेसियों में जीत और जशन का माहौल बना हुआ है। यूँ कहे तो ये बीजेपी पार्टी के लिए किसी बड़े झटके से कम नही हैं।
अयोध्या के बाद, धर्मनगरी बद्रीनाथ में क्यों मिली बीजेपी को हार ?
हाल में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी की हर एक कोशिश नाकाम होती दिखाई दी। वहीं विधानसभा चुनाव में अयोध्या के बाद, विधानसभा उपचुनाव में बद्रीनाथ सीट पर बीजेपी को मुंह की खानी पड़ी है। वहीं उपचुनाव के नतीजों को देखने से साफ लगता है कि, लोकसभा चुनाव का असर अब भी, देश में देखने को मिल रहा है। साथ ही अयोध्या से बीजेपी के हार जाने से, विपक्षी दल को काफी उम्मीदें मिली। वहीं पिछले दस सालों में, एक के बाद एक, हार विपक्ष को नसीब हो रही थी। जिस ट्रेंड को एक ही लोकसभा चुनाव के नतीजों ने बदल दिया। इस जीत के बाद कांग्रेसियों में एक नई ताजगी देखने को मिल रही है।
उतराखंड में बीजेपी की हार के पीछे क्या है वजह ?
देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड में बीजेपी को दोनों धर्मनगरी स्थल से, सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है। बात करें बीजेपी की हार की, तो इसके पीछे कई वजह सामने आ रही है। कांग्रेसियों का कहना है कि भाजपा का अहंकार, कुशासन और, नकारात्मक राजनीति, को पूरी तरह से तबाही की ओर ले जा रहा है। वहीं अगर देखा जाए तो, कई स्थानीय मुददे भी, बीजेपी की हार की वजह बने हैं। जैसे उत्तराखंड में ऑल वेदर रोड, विकास परियोजनाओं, भूकानूनन्, विकास प्रोजेक्ट्स के लिए पेड़ों और जंगलों का काटे जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, केदारनाथ मन्दिर के दिल्ली निर्माण से पुरोहितों की नारागजी, शायद भाजपा को भारी पड़ी है। साथ ही शायद सरकार के नेता ये भूल गए है की, आखिर उनके राज्य की प्रजा को चाहिए क्या?
चुनाव के बाद पहली बैठक, जीत का लिया संकल्प
विधान सभा चुनाव और उपचुनाव के बाद, प्रदेश कार्यसमिति की बैठक की गयी। आयोजित एक दिवसीय कार्यसमिति की बैठक में प्रदेशभर से, 1,350 से अधिक पार्टी पदाधिकारी शामिल हुए। जिसमें बदरीनाथ और मंगलौर विधानसभा उपचुनाव में मिली हार का मुद्दा भी बैठक में छाया रहा।
वहीं लोकसभा की पांचों सीटों पर जीत के बाद अब भारतीय जनता पार्टी ने आगामी निकाय चुनाव, पंचायत चुनाव और केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में जीत का संकल्प लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि, हम टीम उत्तराखंड हैं। हमें टीम भावना से काम करना है। विपक्ष की सरकार में केवल योजनाएं बनती थीं, लेकिन हम, जिनका शिलान्यास करते हैं, उनका लोकार्पण भी करते हैं।