कूट रचित दस्तावेज तैयार कर जमीन की फर्जी रजिस्ट्री करने वाले 01 अभियुक्त को एसआईटी टीम ने किया गिरफ्तार ।

एसएसपी देहरादून की सटीक रणनीती से भू माफियाओं पर नकेल कसती दून पुलिस ।

अभियुक्त व उसके साथियों के विरूद्ध थाना पटेलनगर में दर्ज हुआ था अभियोग, एसआईटी द्वारा की जा रही है जांच।

प्रकरण में पूर्व में 02 अभियुक्तों की हो चुकी है गिरफ्तारी ।

वादिनी शीतल मंड निवासी: रामनिवास माजरा देहरादून द्वारा थाना पटेलनगर में भूमि धोखाधडी से संबंधित लिखित तहरीर दी, जिसमें उनके द्वारा अभियुक्त के0पी0 सिंह द्वारा अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर माजरा स्थित उनकी 10 बीघा जमीन की फर्जी पावर आफ अटार्नी बनाकर उसकी रजिस्ट्री सुखविन्दर सिंह पुत्र दर्शन सिंह निवासी: नानकमत्ता के नाम पर करने और अभियुक्त सुखविन्दर सिंह द्वारा उक्त भूमि को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर के0पी0 सिंह के पिता बलवीर सिंह की कम्पनी को गिफ्ट डीड कर वादिनी के साथ धोखाधडी करने के सम्बन्ध में दी गई।

उक्त तहरीर के आधार पर थाना पटेलनगर पर बनाम के0पी0 सिंह व अन्य पंजीकृत किया गया, जिसकी विवेचना वर्तमान में एसआईटी टीम द्वारा की जा रही है।

उक्त अभियोग में पुलिस टीम द्वारा पूर्व में 02 अभियुक्तों समीर कामयाब और रवि कोहली को गिरफ्तार किया गया था, जिनसे पूछताछ के आधार पर अभियोग में जमीन की फर्जी रजिस्ट्री अपने नाम पर करने और जमीन को फर्जी तरीके से अपने सह अभियुक्त के नाम पर गिफ्ट डीड करने वाले अभियुक्त सुखविन्दर सिंह को पुलिस टीम द्वारा नानकमत्ता ऊधमसिंह नगर से गिरफ्तार किया गया।

पूछताछ में अभियुक्त सुखविन्दर सिंह द्वारा बताया गया कि के0पी0सिंह व उसके पिता बलवीर सिंह से उसकी मुलाकात वर्ष 2010 में एक विवाह समारोह के दौरान के0पी0 सिंह के चाचा सेठपाल चौधरी के माध्यम से हुई जो सिडकुल ऊधम सिंह नगर में मिट्टी भरान के ठेके लेता था और अभियुक्त द्वारा इसमें उनकी मदद की गई थी।

वर्ष 2014 में के0पी0सिंह द्वारा उससे सम्पर्क कर बताया गया कि उनके द्वारा देहरादून में माजरा स्थित एक जमीन की हरभजन सिंह उर्फ भजन सिंह के नाम से फर्जी पावर ऑफ अटार्नी तैयार की गई है, जिसकी रजिस्ट्री वह अभियुक्त सुखविन्दर सिंह के नाम पर करवा देगा और उसे बेचने से जो मुनाफा होगा, उसमें से कुछ हिस्सा अभियुक्त को दिया जायेगा। उसके बाद के0पी0सिंह द्वारा अभियुक्त के खाते में डेढ लाख रू0 की धनराशि डाली गयी।

वर्ष 2016 में के0पी0सिंह द्वारा अपने एक अन्य साथी के साथ उसे कमल विरमानी और एक अन्य व्यक्ति से मिलवाया गया, जिनके द्वारा रजिस्ट्रार आफिस में जाकर पहले उक्त भूमि की रजिस्ट्री अभियुक्त के नाम पर की गई और वर्ष 2020 में अभियुक्त के माध्यम से उक्त भूमि को गिफ्ट डीड के द्वारा के0पी0सिंह के पिता बलवीर सिंह की कम्पनी बी0के0एन0 हब्र्स के नाम पर किया गया।