
शिक्षिका मनीषा मौत मामला फिर गरमाया, ग्रामीणों ने किया अंतिम संस्कार से इनकार – सीबीआई जांच के लिए सरकार झुकी
भिवानी: शिक्षिका मनीषा की संदिग्ध मौत को लेकर एक बार फिर से बड़ा मोड़ आ गया है। स्थानीय पुलिस द्वारा इसे “आत्महत्या” बताया जाने के बाद मंगलवार सुबह ग्रामीणों ने मोर्चा खोलते हुए शव के अंतिम संस्कार से ही इनकार कर दिया और सीबीआई जांच की मांग को लेकर सड़कों पर भी उतर आए। ढाणी लक्ष्मण गांव में पंचायत ने ऐलान किया कि जब तक मनीषा के हत्यारों को गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक अंतिम संस्कार ही नहीं होगा।
स्थिति के बिगड़ते ही देर रात सीएम नायब सिंह सैनी ने सीबीआई जांच की घोषणा भी कर दी। उन्होंने एक्स (Twitter) पर लिखा,
“परिवार की मांग के आधार पर हरियाणा सरकार निष्पक्ष जांच के लिए इस केस को सीबीआई को भी सौंपने जा रही है।”
गांव में भारी तनाव, इंटरनेट सेवा बंद
नाराज़ ग्रामीणों ने पूरे गांव के रास्ते पेड़ व पत्थर लगाकर बंद भी कर दिए। बड़ी संख्या में महिलाएं लाठी लेकर सड़क पर भी बैठ गईं। प्रशासन ने स्थिति को देखते हुए भिवानी व चरखी दादरी जिलों में इंटरनेट सेवा 2 दिन के लिए बंद भी कर दी और गांव के आसपास भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात कर दिया।
परिवार ने कहा – आत्महत्या नहीं हत्या
मनीषा के पिता संजय का वीडियो मंगलवार सुबह सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ, जिसमें उन्होंने साफ कहा –
“मेरी बेटी आत्महत्या नहीं कर सकती… हमें न्याय चाहिए।”
उन्होंने आरोप लगाया कि अंतिम संस्कार के लिए उन पर दबाव भी बनाया गया।
सर्वखाप और किसान नेता भी उतरे समर्थन में
चरखी दादरी में सर्वखाप महापंचायत हुई, जिसमें पुलिस की जांच को नकारते हुए 11 सदस्यीय कमेटी भी गठित की गई। वहीं किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने गांव पहुंचकर ग्रामीणों को समर्थन देने का ऐलान भी किया। इस बीच 7 सदस्यों की नई कमेटी बना दी गई है, जो आगे की रणनीति भी तय करेगी।
विसरा रिपोर्ट से पुलिस का नया दावा
सोमवार को आई विसरा रिपोर्ट में मनीषा की मौत कीटनाशक से होने की पुष्टि भी हुई है। पुलिस का कहना है कि उन्होंने 11 अगस्त को खुद दुकान से कीटनाशक खरीदा था और पास से मिला सुसाइड नोट उनकी लिखावट से भी मेल खाता है। पुलिस ने यह भी कहा कि शरीर पर किसी प्रकार की चोट या दुष्कर्म के निशान ही नहीं पाए गए।
फिलहाल गांव में स्थिति तनावपूर्ण ही बनी हुई है और ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि जब तक गिरफ्तारी नहीं होती, वे मोर्चा खत्म ही नहीं करेंगे।