केदारनाथ धाम यात्रा को और सुगम बनाने के लिए लोक निर्माण विभाग जुटा, नए पुल और वैकल्पिक मार्ग पर काम जारी

लोक निर्माण विभाग के द्वारा केदारनाथ धाम जाने वाले मार्ग को और सुगम बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम भी उठाए जा रहे हैं। पिछले वर्ष आई आपदा में जहां सड़क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी, वहां पर पुल निर्माण का कार्य भी तेज़ी से चल रहा है। इसके अलावा, धाम को जाने वाले एक वैकल्पिक मार्ग का निर्माण भी लगभग पूरा ही हो चुका है, जिसमें केवल 400 मीटर का हिस्सा ही बाकी रह गया है। इस मार्ग के पूरा होने के बाद, यात्रियों के लिए एक और विकल्प भी उपलब्ध होगा।

2013 आपदा के बाद भी चल रहा मार्ग सुधार का कार्य

लोक निर्माण विभाग 2013 की आपदा में क्षतिग्रस्त हुए मार्गों की मरम्मत के लिए भी निरंतर काम भी कर रहा है। गरुढ़चट्टी से केदारनाथ धाम के रास्ते को साल 2021 में सुधार लिया गया था, जबकि अब गरुढ़चट्टी से रामबाड़ा तक 5 किलोमीटर से अधिक मार्ग को तैयार किया जा रहा है। लोनिवि के अधीक्षण अभियंता मुकेश परमार ने बताया कि इस मार्ग पर काम लगभग पूरा ही हो चुका है, और अब सिर्फ 400 मीटर का हिस्सा ही बाकी रह गया है।

चुनौतियां और योजना

इस हिस्से को तैयार करने के लिए चट्टानों को काटने का काम भी जारी है। उच्च पर्वतीय क्षेत्र व प्रतिकूल मौसम के कारण यहां काम करना चुनौतीपूर्ण भी है, लेकिन अधिकारियों का प्रयास है कि अगले एक माह में शेष चट्टानों को काटकर मार्ग को तैयार भी किया जा सके। यह मार्ग 2 मीटर चौड़ा होगा और एक वैकल्पिक मार्ग के रूप में कार्य भी करेगा। हालांकि, इस मार्ग के उपयोग के बारे में निर्णय संबंधित प्राधिकरण द्वारा ही लिया जाएगा।

दो नए पुलों का निर्माण

पिछले वर्ष, 31 जुलाई को आई आपदा में गौरी कुंड से केदारनाथ धाम जाने वाले 17 किमी लंबे मार्ग को खासा नुकसान भी हुआ था। इस मार्ग को अब ठीक कर लिया गया है, लेकिन अभी भी रामबाड़ा व जंगल चट्टी के पास 2 स्थानों पर सड़क पूरी तरह से बह गई थी। इन स्थानों पर पुल बनाने का काम भी चल रहा है। लोनिवि अधिकारियों के अनुसार, रामबाड़ा पर पहले ही एक ब्रिज तैयार किया जा चुका था, लेकिन यात्रा को और सुगम बनाने और यात्रियों की सुविधा के लिए एक और बैली ब्रिज बनाने की योजना भी बनाई गई है। इसके अलावा, जंगल चट्टी में भी एक और पुल निर्माण की योजना है।

इन सभी उपायों के जरिए लोक निर्माण विभाग का उद्देश्य केदारनाथ धाम की यात्रा को और अधिक सुरक्षित व सुविधाजनक बनाना है।