एम्स स्वीपिंग मशीन घोटाले में बड़ा अपडेट: सीबीआई करेगी नई चार्जशीट दाखिल, बड़े अधिकारियों पर भी गिरेगी गाज
एम्स में करोड़ों रुपये के स्वीपिंग मशीन घोटाले में सीबीआई एक बार फिर से बड़ी कार्रवाई करने जा रही है। एजेंसी जल्द ही सप्लीमेंट्री चार्जशीट भी दाखिल करेगी, जिसमें घोटाले के समय तैनात वरिष्ठ अधिकारियों को भी आरोपी भी बनाया जा सकता है।
क्या है मामला?
वर्ष 2022 में एम्स में मशीनों व मेडिकल स्टोर आवंटन से जुड़े कई घोटालों का खुलासा हुआ था। इनमें से एक मामला स्वीपिंग मशीन खरीद से भी जुड़ा था।
- टेंडर प्रक्रिया में 5 कंपनियों को शामिल किया गया
- देश की एक प्रसिद्ध ओरिजिनल निर्माता कंपनी को मामूली कारण बताकर बाहर कर दिया गया
- इसके बजाय ऐसी कंपनी से मशीन खरीदी गई जिसने न मशीन बनाई, न कभी बेची
- नियम था कि मशीन 3 महीने से पुरानी नहीं होनी चाहिए, लेकिन खरीदी गई मशीन सिर्फ 124 घंटे चलने के बाद खराब हो गई
सीबीआई की जांच में यह भी सामने आया कि स्वीपिंग मशीन व मेडिकल स्टोर आवंटन सहित कुल 4.41 करोड़ रुपये का घोटाला भी हुआ।
पहले किन पर हुई थी कार्रवाई?
पिछले वर्ष जनवरी में सीबीआई ने 5 अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी:
- डॉ. बलराम ओमर – तत्कालीन प्रोफेसर, माइक्रोबायोलॉजी विभाग
- डॉ. बृजेंद्र सिंह – तत्कालीन प्रोफेसर, एनाटॉमी विभाग
- डॉ. अनुभा अग्रवाल – तत्कालीन सहायक प्रोफेसर
- शशिकांत – प्रशासनिक अधिकारी
- दीपक जोशी – लेखाधिकारी
इन पर धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र व भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए थे।
अब किसकी बारी?
सीबीआई सूत्रों के अनुसार जांच में अब उच्च स्तर के अधिकारियों की भूमिका के प्रमाण भी सामने आए हैं। इन पर कार्रवाई के लिए प्रक्रिया लगभग पूरी भी हो चुकी है और जल्द ही सप्लीमेंट्री चार्जशीट भी दाखिल होगी।