कैंसर मरीजों और मृतकों के नाम पर करोड़ों का इंश्योरेंस घोटाला, संभल में फर्जीवाड़े का हुआ खुलासा

संभल/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के संभल जिले से एक चौंकाने वाला इंश्योरेंस फ्रॉड सामने आया है, जहां एक संगठित गिरोह ने कैंसर मरीजों व मृत व्यक्तियों के नाम पर फर्जी बीमा करवाकर करोड़ों की बीमा राशि ही हड़प ली। इस गिरोह की बर्बरता इस हद तक पहुंच गई कि उन्होंने मर चुके लोगों की भी मौत की तारीख में फेरबदल कर बीमा क्लेम तक भी ले लिया।

पुलिस ने इस मामले में अब तक कई आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है और गैंग के तीन प्रमुख तरीके भी उजागर किए हैं, जिनसे वे यह फर्जीवाड़ा अंजाम भी देते थे।

ऐसे करते थे करोड़ों की ठगी:

  1. बीमार या अंतिम स्टेज के मरीजों का बीमा:
    गैंग पहले ऐसे कैंसर मरीजों की पहचान करता था जो जीवन के अंतिम चरण में ही थे। उनका बीमा करवाने के बाद, उनकी मृत्यु के बाद फर्जी दस्तावेजों व नॉमिनी के जरिए बीमा राशि भी हड़प ली जाती थी।
  2. मृतकों के नाम पर बीमा और लोन फ्रॉड:
    कई मामलों में पहले से मृत लोगों के दस्तावेज (जैसे आधार, पैन कार्ड आदि) का इस्तेमाल कर उनका बीमा करवाया जाता था। मौत की तारीख बदलकर बीमा कंपनियों को धोखा भी दिया जाता। कुछ मामलों में इन दस्तावेजों से बाइक या ट्रैक्टर फाइनेंस करवा कर फिर मौत के आधार पर लोन क्लोज कर वाहन भी बेच दिए जाते।
  3. हत्या कर बीमा क्लेम:
    पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि गैंग कभी-कभी हत्या तक कर देता था, ताकि बीमा राशि क्लेम भी की जा सके। यह तरीका सबसे खतरनाक व अमानवीय था।

कैंसर मरीजों को बनाते थे आसान निशाना

गैंग विशेष रूप से गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों, खासकर कैंसर मरीजों को ही निशाना बनाता था। पहले उनका बीमा कराया जाता और फिर फर्जी बैंक खातों और नॉमिनी के नाम पर चेक के जरिए बीमा की पूरी राशि भी निकाल ली जाती थी।

पुलिस का खुलासा

पुलिस का कहना है कि जनवरी 2025 में इस फर्जीवाड़े के कई केस भी सामने आए थे, जिसके बाद गहन जांच शुरू की गई। गिरोह का नेटवर्क कई जिलों में भी फैला हुआ था और यह दस्तावेजों की हेराफेरी, बैंकिंग फ्रॉड व बीमा धोखाधड़ी को संगठित तरीके से अंजाम भी देता था।

अब पुलिस इस गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों की तलाश में भी है और विभिन्न बीमा कंपनियों के सहयोग से क्लेम की जांच भी की जा रही है।

यह मामला न केवल सिस्टम में सुरक्षा की खामियों को भी उजागर करता है, बल्कि बीमार व असहाय लोगों के साथ हो रही अमानवीय धोखाधड़ी का भी गंभीर संकेत है। पुलिस ने लोगों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध बीमा गतिविधि की सूचना तुरंत देने की अपील भी की है।