सेवा क्षेत्र नीति के तहत जितने भी प्रोजेक्ट लगेंगे, उनमें राज्य के 75 प्रतिशत स्टाफ उत्तराखंड का, साल 2030 तक 20 लाख रोजगार की उम्मीद

साल 2030 तक 20 लाख रोजगार की उम्मीद के साथ लाई गई सेवा क्षेत्र नीति के तहत जितने भी प्रोजेक्ट लगेंगे, उनमें राज्य के 75 प्रतिशत युवाओं को रोजगार देना अनिवार्य होगा । इस नीति के बाद राज्य में देश-विदेश के नामी होटल, हॉस्पिटल, स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, फिल्म सिटी के निर्माण की राह आसान हो जाएगी ।

 

हॉस्पिटल सेक्टर में देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी, काशीपुर, रुद्रपुर, रुड़की के अलावा बड़े पर्वतीय शहरों में प्रोजेक्ट की संभावनाएं जताई गई हैं । प्रदेश में कुल 20 हॉस्पिटल लगाने की योजना है । नीति के तहत शिक्षा क्षेत्र में 10 विश्वविद्यालय, 10 कॉलेज और 10वी, 12वीं तक के स्कूल स्थापित करने की योजना है।

 

उच्च शिक्षण संस्थानों में 10 हजार शिक्षक और स्टाफ की जरूरत होगी, जिसमें से राज्य के 3500 स्टाफ होंगे । सरकार इसके लिए अलग से मल्टीपल हायर एजुकेशन जोन भी बनाएगी ।

खेल सेक्टर में पर्वतारोहण के लिए उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ और टिहरी

जल आधारित क्याकिंग, राफ्टिंग, कैनोइंग के लिए नैनीताल और टिहरी

शीतकालीन खेलों के तहत स्कीइंग, स्नोबांडिंग, आइएस स्केटिंग के लिए उत्तरकाशी और चमोली में संभावनाएं देखी गई हैं ।

 

इसके तहत हाई एल्टीट्यूड ट्रेनिंग संस्थान भी स्थापित होंगे। इसी प्रकार, योगा, वेलनेस, आईटी, डाटा सेंटर आदि क्षेत्रों में भी निवेश और रोजगार की संभावनाएं देखी गई हैं।

सिंगल विंडो सिस्टम के तहत नीति की सभी प्रक्रिया होगी। सिडकुल इसके लिए दिशा-निर्देश तैयार करेगा । पहले जिला स्तरीय अधिकार प्राप्त समिति(डीएलईसी) से अनुमति के बाद प्रोजेक्ट का प्रस्ताव राज्य स्तरीय अधिकार प्राप्त समिति (एसएलईसी) के पास जाएगा।

 

सब्सिडी के लिए इतना पूंजी निवेश जरूरी होगा

सेक्टर मैदान पहाड़
स्वास्थ्य 200 करोड़ 25 करोड़
आतिथ्य 200 करोड़ 100 करोड़
वेलनेस रिजार्ट्स 100 करोड़ 50 करोड़
आयुर्वेद योगा सेंटर 50 करोड़ 25 करोड़
स्कूल 50 करोड़ 25 करोड़
कॉलेज 100 करोड़ 50 करोड़
विवि 200 करोड़ 100 करोड़
फिल्म व मीडिया 100 करोड़ 50 करोड़
खेल/ अकादमी 25 करोड़ 15 करोड़
आईटी 100 करोड़ 50 करोड़
आईटी डेटा सेंटर 100 करोड़ 50 करोड़

 

पर्वतीय क्षेत्र : पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, चमोली, चंपावत, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, अल्मोड़ा, पौड़ी, टिहरी के अलावा देहरादून और नैनीताल का समुद्र तल से 650 मीटर ऊंचाई वाले क्षेत्र ।

मैदानी क्षेत्र : देहरादून नैनीताल के समुद्र तल से 650 मीटर नीचे वाले क्षेत्रों के अलावा हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर ।

कैपिटल सब्सिडी : निर्धारित मानकों के हिसाब से निवेश करने वालों को पूंजीगत निवेश में 25 प्रतिशत तक छूट मिलेगी । सरकार इसे या तो 5 किश्तों या फिर 2 किश्तों में उपलब्ध कराएगी ।

भूमि : सरकार अपनी जमीन इन प्रोजेक्ट के लिए 90 साल की लीज पर दे सकेगी । जिसकी दरें सर्किल रेट के हिसाब से होंगी । सरकार नेशनल लैंड सब्सिडी के तहत परियोजना की लागत की 25 प्रतिशत तक छूट भी दे सकती है ।