मसूरी में भारी बारिश के बाद तबाही का मंजर, टूटे पुल की जगह बेली ब्रिज निर्माण अंतिम चरण में, रात तक चालू होने की उम्मीद

उत्तराखंड की खूबसूरत पर्यटन नगरी मसूरी में पिछले कुछ दिनों से जारी मूसलाधार बारिश ने जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। सोमवार, 15 सितंबर को हुई भीषण बारिश के बाद हुए भूस्खलन, सड़कों के टूटने और मुख्य पुल के ढहने से मसूरी का संपर्क राजधानी देहरादून से पूरी तरह कट गया था।

हालांकि अब प्रशासन, लोक निर्माण विभाग और आपदा राहत टीमें मिलकर स्थिति को तेजी से सुधारने में जुटी हैं। सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि बेली ब्रिज का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है और प्रशासन का दावा है कि बुधवार रात तक यह चालू हो जाएगा।

 टूटा पुल, लेकिन उम्मीद बना “बेली ब्रिज”

मसूरी और देहरादून के बीच आवागमन का मुख्य ज़रिया रहा पुल मंगलवार को पूरी तरह बारिश के दबाव से क्षतिग्रस्त हो गया था। इसके चलते हजारों पर्यटक और स्थानीय लोग मसूरी में फंस गए। इसके समाधान के रूप में, लोक निर्माण विभाग (PWD) ने युद्धस्तर पर बेली ब्रिज के निर्माण का कार्य शुरू किया है।

PWD प्रमुख इंजीनियर राजेश कुमार के मुताबिक,

“बुधवार रात 7 बजे तक बेली ब्रिज से हल्के वाहनों और टू-व्हीलर की आवाजाही शुरू करने का लक्ष्य है।”

इस बेली ब्रिज के चालू होते ही मसूरी-देहरादून के बीच एक बार फिर संपर्क बहाल हो जाएगा।

 मलबा हटाने में जुटी टीमें, दिन-रात चल रहा ऑपरेशन

बारिश के कारण मसूरी की कई संपर्क सड़कों पर भारी मात्रा में मलबा, कीचड़ और बड़े-बड़े पत्थर जमा हो गए हैं। इसे हटाने के लिए PWD और SDRF की टीमें JCB मशीनों, डंपरों और मजदूरों की मदद से लगातार कार्य कर रही हैं।

जहां एक ओर सड़क मार्ग अवरुद्ध हैं, वहीं प्रशासन की प्राथमिकता है कि आपातकालीन रास्ते पहले खोले जाएं, जिससे राहत सामग्री और आवश्यक सेवाएं प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंच सकें।

 पर्यटकों की सुरक्षित वापसी के लिए वैकल्पिक इंतजाम

आपदा के चलते बड़ी संख्या में पर्यटक मसूरी में फंस गए थे। ऐसे में प्रशासन ने वैकल्पिक मार्गों, ट्रांसपोर्ट संसाधनों और स्थानीय होटलों के सहयोग से इन लोगों के ठहरने, खाने और सुरक्षित वापसी की पूरी व्यवस्था की है।

होटल एसोसिएशन, होमस्टे संचालक, पुलिस, और नगर पालिका ने मिलकर फंसे हुए लोगों को निशुल्क भोजन, जल, और आश्रय उपलब्ध कराया।

 पालिका अध्यक्ष मीरा सकलानी ने खुद संभाली कमान

मसूरी नगर पालिका अध्यक्ष मीरा सकलानी ने आपदा की गंभीरता को देखते हुए प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया, स्थानीय लोगों से संवाद किया और उन्हें खाद्य सामग्री व पानी वितरित किया।

मीरा सकलानी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा:

“बारिश और भूस्खलन ने मसूरी को बुरी तरह प्रभावित किया है। लेकिन सरकार, प्रशासन और नगर पालिका पूरी ताकत के साथ राहत कार्य में लगी है। हमारी प्राथमिकता है — रास्ते खुलें, लोग सुरक्षित रहें और सामान्य जीवन जल्दी बहाल हो।”

 जनता से संयम और सहयोग की अपील

पालिका अध्यक्ष ने मसूरी की जनता से अफवाहों से बचने और प्रशासन का सहयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि,

“हम सभी को मिलकर इस आपदा से उबरना है। हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि संकट की इस घड़ी में धैर्य और एकता का परिचय दे।”

आपदा की वर्तमान स्थिति — एक नजर में

विभाग/सेवा स्थिति
मुख्य पुल क्षतिग्रस्त (बेली ब्रिज निर्माण जारी)
संपर्क सड़कें कई अवरुद्ध, मलबा हटाया जा रहा
पर्यटक सुरक्षित, खाने-पीने की व्यवस्था
बेली ब्रिज निर्माण अंतिम चरण में, रात तक चालू होने की संभावना
प्रशासनिक दौरे पालिका अध्यक्ष, लोक निर्माण अधिकारी

 क्या बोले स्थानीय लोग?

“रात को जब पुल टूटा, तो ऐसा लगा जैसे कोई भूकंप आया हो। लेकिन अब प्रशासन के प्रयासों से राहत की उम्मीद दिख रही है।”
मनीष नेगी, स्थानीय निवासी

“हम फंस गए थे लेकिन होटल और प्रशासन ने हमारी पूरी मदद की। अब इंतजार है कि कब रास्ते खुलें।”
रिया शर्मा, पर्यटक (दिल्ली से)

मसूरी की इस प्राकृतिक आपदा ने एक बार फिर दिखाया कि प्राकृतिक आपदाओं से मुकाबला केवल प्रशासन ही नहीं, जनता के सहयोग से ही संभव है।
हालात चुनौतीपूर्ण हैं, लेकिन बेली ब्रिज, तेजी से हो रहे राहत कार्य, और सक्रिय प्रशासनिक सहयोग से उम्मीदें जिंदा हैं।