5 घंटे में आराम नहीं मिला; मरीज ने मांगा मुआवजा, जानिए क्या है दून अस्पताल का पूरा मामला

दून अस्पताल में एक मरीज ने  पांच घंटे में भी उसे इमरजेंसी में दर्द से आराम नहीं मिलने पर अस्पताल से मुआवजे की मांग की है। एमएस ने उनकी तरफ से दी चिट्ठी पर इमरजेंसी से रिपोर्ट तलब की है, वहीं मुआवजा संबंधी प्रक्रिया उपभोक्ता फोरम या कोर्ट के माध्यम से होने की बात कही है। दून अस्पताल के एमएस डॉ अनुराग अग्रवाल के मुताबिक करीब 35 साल के एक मरीज उनके पास आए थे।

उन्होंने बताया कि वह विगत दिनों पेट दर्द होने पर इमरजेंसी आए थे। उन्हें इंजेक्शन भी दिया गया, लेकिन पांच घंटे बाद भी उन्हें आराम नहीं मिला। उन्हें परेशानी उठानी पड़ी, इसका मुआवजा उन्हें दिया जाए। इसको लेकर एमएस में कई अफसरों से चर्चा की। एमएस ने कहा कि मुआवजा संबंधी कार्य उनका नहीं है, आप लिखित में दे दीजिए हम डॉक्टर से उपचार की डिटेल मंगा लेंगे।

एमएस डॉक्टर अग्रवाल ने बताया कि इमरजेंसी से डॉक्टर की रिपोर्ट ली गई है, उन्हें पथरी होने की वजह से दर्द हुआ था थोड़े-थोड़े अंतराल के बाद तीन इंजेक्शन लगाए गए हैं विस्तृत रिपोर्ट बनाकर संबंधित को दे दी जाएगी। मुआवजा संबंधी कार्रवाई उपभोक्ता फोरम या कोर्ट तय करता है।

आरटीआई में इन दिनों दून अस्पताल में अजब गजब सवाल पूछे जा रहे हैं। एक व्यक्ति ने हाल ही में एक विभाग में एक 35 वर्षीय महिला के पूरे इलाज की हिस्ट्री पूछ ली। जबकि वह उसके परिवार से भी संबंधित नहीं था।

डीएमएस डॉक्टर धनंजय डोभाल का कहना है कि किसी के इलाज के विषय में तीसरे व्यक्ति को जानकारी संबंधित की अनुमति के बगैर नहीं दी जा सकती है। चाहे वह पति ही क्यों न अपनी पत्नी के इलाज की जानकारी मांग रहा हो। कोर्ट में चल रहे किसी मामले में भी मेडिकल हिस्ट्री देने का प्रावधान नहीं है। कई आरटीआई इस संबंध में आ रही हैं, उन्हें लिखकर दे दिया जा रहा है।