
चमोली के दर्शन सिंह ने योग से छोड़ी नशे की लत, अब बने गांव के योग गुरु
नशामुक्ति से लेकर स्वरोजगार तक, योग ने बदल दी चेपड़ों गांव के एक व्यक्ति की ज़िंदगी
थराली (चमोली)। उत्तराखंड के चमोली जिले के चेपड़ों गांव के रहने वाले दर्शन सिंह शाह ने यह साबित कर दिखाया है कि योग केवल एक व्यायाम नहीं, बल्कि जीवन को दिशा देने वाली साधना भी है। कभी नशे की लत से जूझ रहे दर्शन सिंह ने योग के माध्यम से न केवल खुद को इस बुरी आदत से बाहर निकाला, बल्कि अपने गांव के अन्य लोगों को भी नया जीवन दिया है।
अब वे एक योग प्रशिक्षक बन चुके हैं और योग को ही स्वरोजगार का जरिया भी बना लिया है।
स्वामी रामदेव के प्रवचनों से मिली प्रेरणा
49 वर्षीय दर्शन सिंह कुछ वर्ष पहले नशे की गिरफ्त में आ गए थे, जिससे उनके पारिवारिक जीवन पर भी असर पड़ा। साल 2011 में जब उन्होंने स्वामी रामदेव के प्रवचन सुने, तब उन्हें योग की शक्ति का एहसास भी हुआ। इसके बाद उन्होंने नियमित रूप से भस्त्रिका, कपालभाति, भ्रामरी, पदहस्तासन, अर्द्धचक्रासन, वीरभद्रासन, पर्वतासन व भुजंगासन जैसे योगाभ्यास करने भी शुरू किए। 2 वर्षों की साधना के बाद उन्होंने पूरी तरह नशे से मुक्ति भी पा ली।
2014 के बाद से नहीं खाई एक भी दवा
दर्शन सिंह बताते हैं कि योग ने उन्हें इतना सशक्त बना दिया कि वर्ष 2014 के बाद से उन्होंने किसी प्रकार की दवा तक नहीं ली। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर वे अब पूर्ण रूप से निरोग जीवन भी जी रहे हैं।
गांव के अन्य लोगों को भी दिलाई नशामुक्ति
दर्शन सिंह की यह यात्रा यहीं नहीं रुकी। उन्होंने अपने बड़े भाई सहित गांव के 5 अन्य लोगों को भी योग के माध्यम से नशे की लत से बाहर भी निकाला। अब वे गांव-गांव जाकर लोगों को योग सिखा रहे हैं व स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी फैला रहे हैं।
योग बना रोजगार का माध्यम
आज दर्शन सिंह योग को ही स्वरोजगार का जरिया बना चुके हैं। वे स्थानीय स्तर पर योग शिविरों का आयोजन भी करते हैं और कई युवाओं को नियमित योग प्रशिक्षण दे रहे हैं। उनकी इस पहल से ना केवल लोग नशामुक्त हो रहे हैं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य व आत्मनिर्भरता की दिशा में एक नई उम्मीद भी जगी है।
योग दिवस पर बन सकते हैं प्रेरणा स्रोत
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस जैसे आयोजनों में दर्शन सिंह जैसे व्यक्तित्व समाज के लिए प्रेरणा बनकर भी सामने आते हैं। उनकी कहानी इस बात का प्रमाण है कि योग सिर्फ शरीर का नहीं, जीवन का भी पुनर्निर्माण कर सकता है।