रुद्रप्रयाग में आपदा का खतरा: मंदाकिनी और अलकनंदा किनारे फिर बस गईं बस्तियां, बढ़ते जलस्तर से लोगों में दहशत

रुद्रप्रयाग: धराली में आई हालिया आपदा ने एक बार फिर लोगों को 2013 की केदारनाथ आपदा की भयावह याद भी दिला दी है। उस तबाही के निशान आज भी ताजा हैं, लेकिन मंदाकिनी घाटी व अलकनंदा किनारे फिर से बस्तियां और बहुमंजिला इमारतें खड़ी भी हो गई हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह भविष्य में किसी बड़ी आपदा को न्योता देने जैसा ही है।

2013 की तबाही से कोई सबक नहीं

केदारनाथ से लेकर तिलवाड़ा तक 2013 में मंदाकिनी किनारे बने कई आवासीय भवन भी तबाह हो गए थे। हजारों लोगों को भारी नुकसान भी उठाना पड़ा था। इसके बावजूद आज फिर लोग उसी इलाके में ही बस गए हैं। अलकनंदा नदी किनारे भी हालात कुछ अलग नहीं हैं, वहां पर भी लोग आवास बना चुके हैं।

जलस्तर बढ़ा, लोगों की नींद उड़ी

इन दिनों अलकनंदा व मंदाकिनी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर ही है। पानी कई घरों के करीब तक भी पहुंच चुका है। नदी किनारे रहने वाले परिवार लगातार दहशत में भी हैं। लोगों का कहना है कि वे अपने घर छोड़ना नहीं चाहते, बल्कि सरकार को उनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम भी करने चाहिए।

प्रशासन की चिंता

जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग प्रतीक जैन ने बताया कि

नदियों किनारे रहने वाले लोगों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन लगातार ही कदम उठा रहा है। खतरा बढ़ने पर लाउडस्पीकर से अनाउंसमेंट कर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील भी की जाती है। हालांकि, उन्होंने यह भी माना कि पिछली आपदाओं में भारी नुकसान झेलने के बावजूद लोग अपने घर छोड़ने को तैयार ही नहीं हैं।

बारिश ने बढ़ाई टेंशन

बदरीनाथ व केदारनाथ क्षेत्र में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से नदियों का जलस्तर भी उफान पर है। बेलनी क्षेत्र समेत कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बनने का खतरा भी है।