बीजेपी की तैयारी: बड़बोले नेताओं का ‘इलाज’, क्षेत्रवाद पर बयानों से पार्टी असहज

बीजेपी अब अपने नेताओं की बयानबाजी को लेकर असहज, क्षेत्रवाद पर दिशा-निर्देश जारी करने की तैयारी

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अब अपने नेताओं द्वारा क्षेत्रवाद को लेकर दी जा रही विवादित बयानबाजी पर कड़ी कार्रवाई भी करने की तैयारी में है। पार्टी नेताओं को ऐसे संवेदनशील और विवादास्पद मुद्दों पर बयान देने से रोकने के लिए दिशा-निर्देश भी जारी कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक, राज्य में बीजेपी नेताओं द्वारा बार-बार क्षेत्रवाद के मुद्दे पर बयान दिए जा रहे हैं, जिसका विपक्ष भी उसी अंदाज में जवाब भी दे रहा है।

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने दी जानकारी

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा, “कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के बयान पर उन्हें दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं। राज्य में कुछ लोगों द्वारा जो माहौल बनाया जा रहा है, वह किसी भी रूप में उचित नहीं है। हमने कांग्रेस नेताओं से भी संवेदनशील मुद्दों पर बयानबाजी से बचने की अपील की है। पार्टी के सभी नेताओं को इस मामले में दिशा-निर्देश भी दिए जा रहे हैं।”

पार्टी के लिए लगातार चिंता का विषय बनते विवाद

कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का विवादित बयान का पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी बीजेपी अपने नेताओं के बयानों के कारण असहज हो चुकी है, जैसे हरिद्वार में पार्टी के पूर्व विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन व निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के बीच हुए विवाद को लेकर पार्टी की स्थिति भी कमजोर पड़ी थी। चैंपियन जेल में हैं, लेकिन पार्टी ने अभी तक उनके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई ही नहीं की है।

विपक्ष को मिलते रहे हैं हमले के अवसर

बीजेपी और उसकी सरकार पर विपक्ष ने कई बार हमले किए हैं। चाहे वह सल्ट के विधायक महेश जीना का देहरादून नगर निगम विवाद हो, लैंसडौन विधायक दिलीप रावत का परिवहन विभाग के अधिकारी से विवाद हो, या फिर सरकार के एक मंत्री के महकमे में भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच का मामला ही हो। इन सभी मामलों में विपक्ष ने पार्टी और सरकार को निशाना बनाया। बावजूद इसके, पार्टी अपने विवादित नेताओं पर कोई ठोस कदम नहीं उठा पाई। अब हालांकि, पार्टी नेतृत्व ने इस पर कड़ा रुख अपनाने के संकेत भी दिए हैं।