लालकुआं में ट्रेन की चपेट में आया हाथी गंभीर रूप से घायल, रेलवे की लापरवाही पर उठे सवाल
लालकुआं: गुलरभोज-लालकुआं रेलवे ट्रैक पर ट्रेन की चपेट में आया घायल हाथी अब भी जिंदगी और मौत के बीच ही झूल रहा है। मथुरा से पहुंची विशेषज्ञों की टीम लगातार उसका उपचार भी कर रही है, लेकिन हाथी की हालत नाजुक ही बनी हुई है।
इस दर्दनाक घटना के बाद रेलवे विभाग की भूमिका पर सवाल भी उठने लगे हैं। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि हादसा अचानक हाथी के ट्रैक पर आने से हुआ और इसमें विभाग की कोई भी लापरवाही नहीं है। वहीं, पशु प्रेमी संगठन रेलवे को ही इस घटना का जिम्मेदार भी ठहरा रहे हैं। उनका आरोप है कि रेलवे की संवेदनहीनता व लापरवाही के कारण ही यह दुर्घटना हुई है। उन्होंने घटना की निष्पक्ष जांच व जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की है।
जानकारी के अनुसार, इस ट्रैक पर ट्रेनों की गति 30 किमी प्रति घंटा भी तय है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि अगर ट्रेन निर्धारित गति से चल रही थी तो लोको पायलट समय रहते ब्रेक क्यों नहीं लगा पाया?
शनिवार को तिलपुर गांव के पास पीपल पड़ाव रेंज से गुजर रही एक स्पेशल ट्रेन की रफ्तार तेज थी, जिससे हाथी की जान पर ही बन आई। विशेषज्ञों का कहना है कि वन क्षेत्र से गुजरने वाले रेलवे ट्रैकों पर मजबूत बेरिकेडिंग व निगरानी व्यवस्था जरूरी है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं भी न हों।
रेलवे के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक संजीव शर्मा ने कहा कि वन क्षेत्रों में ट्रैक के दोनों ओर चेतावनी बोर्ड भी लगाए गए हैं और समय-समय पर वन विभाग के साथ समन्वय कर सुरक्षा रूपरेखा तैयार भी की जाती है। उन्होंने दावा किया कि हादसा हाथी के अचानक ट्रेन के सामने आने के कारण हुआ।