पाखरो रेंज घोटाला: पूर्व DFO अखिलेश तिवारी पर चलेगा मुकदमा, सीएम धामी ने दी मंजूरी

कॉर्बेट टाइगर सफारी घोटाला: पूर्व DFO पर मुकदमा चलाने की CBI को मिली अनुमति, CM धामी ने दी अभियोजन की मंजूरी

उत्तराखंड के बहुचर्चित जिम कॉर्बेट टाइगर सफारी निर्माण घोटाले में एक बड़ी कार्रवाई सामने आई है। डीएफओ कालागढ़ अखिलेश तिवारी के खिलाफ CBI को अभियोजन की अनुमति भी मिल गई है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अभियोजन स्वीकृति पर हस्ताक्षर कर दिए हैं, जिससे अब तिवारी पर भ्रष्टाचार के तहत मुकदमा भी चलाया जा सकेगा।

करोड़ों की अनियमितताओं की जांच में खुलासा

जिम कॉर्बेट पार्क में टाइगर सफारी के निर्माण को लेकर करोड़ों रुपये की वित्तीय अनियमितताओं का मामला लंबे समय से ही चर्चा में था। इस मामले में सीबीआई ने अपनी जांच में तत्कालीन डीएफओ अखिलेश तिवारी के खिलाफ कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं। सीबीआई की विवेचना रिपोर्ट में शामिल तथ्यों व साक्ष्यों के आधार पर अब उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की राह भी साफ हो गई है।

किशन चंद पर भी मुकदमा तय

इसी मामले से जुड़े एक अन्य प्रकरण में, पाखरो टाइगर सफारी निर्माण के दौरान हुई अनियमितताओं के लिए तत्कालीन डीएफओ कालागढ़ टाइगर रिजर्व लैंसडाउन किशन चंद के खिलाफ भी सरकार ने अब कड़ा कदम उठाया है। उन पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 19 व भारतीय दंड संहिता की धारा 197 के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति भी दे दी गई है।

क्या है पूरा मामला?

  • टाइगर सफारी निर्माण के नाम पर करोड़ों रुपये की कथित गड़बड़ियां।
  • निर्माण कार्य में बिना अनुमति व प्रक्रियात्मक मंजूरी के खर्च।
  • वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचाने के भी आरोप।
  • टेंडर प्रक्रिया, फंड उपयोग व निर्माण सामग्री में अनियमितता।

आगे क्या?

अब सीबीआई इन दोनों पूर्व डीएफओ के खिलाफ न्यायिक प्रक्रिया भी शुरू करेगी। मामले की गंभीरता को देखते हुए यह जांच देशभर के पर्यावरणीय व प्रशासनिक हलकों में सुर्खियों में भी बनी हुई है।