कैंची धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ बनी जाम का कारण, स्थायी समाधान के लिए छह वैकल्पिक रास्ते सुझाए

नैनीताल/भवाली: कैंची धाम की बढ़ती लोकप्रियता जहां एक ओर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र भी बनी हुई है, वहीं दूसरी ओर यह इलाका भीषण ट्रैफिक जाम की समस्या से भी जूझ रहा है। गर्मियों के मौसम में श्रद्धालुओं की भारी आमद ने जिले की सड़कों पर वाहनों की रेंगती कतारें ही खड़ी कर दी हैं। प्रशासन दौरे पर दौरे कर रहा है, मगर स्थायी समाधान अब तक निकल ही नहीं सका है।

कैंची धाम जाने वाले रास्तों पर बढ़ता जाम

हर दिन सुबह से शाम तक कैंची धाम की ओर आने-जाने वाले मार्गों पर लंबा ट्रैफिक जाम भी लग रहा है, जिससे स्थानीय लोग व श्रद्धालु दोनों ही परेशान हैं। इस बीच, अधिकारियों व अभियंताओं ने मिलकर 6 वैकल्पिक मार्गों का प्रस्ताव भी दिया है, जिन पर काम कर ट्रैफिक की समस्या को काफी हद तक दूर भी किया जा सकता है।


ये हैं सुझाए गए 6 प्रमुख समाधान:

1. नैनीबैंड-सेनिटोरियम बाईपास का निर्माण कार्य पूरा हो

  • 5.5 किमी लंबी सड़क का डामरीकरण रुका हुआ है।
  • यह मार्ग चालू होने पर भवाली बाजार में ट्रैफिक जाम नहीं लगेगा।

2. सेनिटोरियम-रातीघाट बाईपास

  • 19 किमी लंबे इस बाईपास में 11 किमी का निर्माण वन विभाग की मंजूरी के इंतजार में है।
  • निर्माण पूरा होने पर पहाड़ी क्षेत्रों की ओर जाने वाले वाहनों को कैंची धाम से नहीं गुजरना पड़ेगा।

3. हरतपा-रातीघाट मोटर मार्ग की तकनीकी खामियां दूर हों

  • तकनीकी समस्याएं दूर की जाएं तो यह सड़क भीड़ को विभाजित करने में कारगर होगी।

4. शिप्रा नदी पर पुल निर्माण में तेजी लाई जाए

  • पुल पूरा होने पर ट्रैफिक सेनिटोरियम की ओर डायवर्ट किया जा सकेगा, जिससे भवाली बाजार का बोझ कम होगा।

5. भीमताल से डायवर्जन योजना

  • विनायक से घोड़ाखाल की ओर वाहनों को मोड़ने की व्यवस्था हो तो भवाली से पहले ही ट्रैफिक डायवर्ट किया जा सकता है।

6. सलड़ी-चनौती मार्ग को बनाया जाए वैकल्पिक रूट

  • हल्द्वानी से नौकुचियाताल जाने वाले यात्री इस नए मार्ग से सीधे निकल सकते हैं।
  • प्रस्तावित सड़क निर्माण कार्य की आंशिक स्वीकृति मिल चुकी है।

प्रशासन ने दिए संकेत, जल्द होगा काम

लोनिवि के ईई रत्नेश सक्सेना ने जानकारी दी कि बाईपास व पुल निर्माण पर लगभग ₹45 करोड़ खर्च होने का अनुमान है। वन मंत्रालय से मंजूरी मिलते ही कार्य भी शुरू किया जाएगा।

वहीं, कुमाऊं मंडलायुक्त दीपक रावत ने कहा कि जाम की समस्या को गंभीरता से लेते हुए वैकल्पिक मार्गों पर भी त्वरित निर्णय भी लिया जाएगा।


“कैंची धाम तक श्रद्धालुओं की निर्बाध पहुंच सुनिश्चित करना और स्थानीय लोगों को राहत देना प्रशासन की प्राथमिकता है। सभी सुझावों पर अमल शुरू होगा।”
— दीपक रावत, कमिश्नर कुमाऊं मंडल