सरकारी राशन विक्रेताओं को लाभांश और परिवहन का 28.87 करोड़ मिलने के बाद सरकारी राशन विक्रेताओं ने हड़ताल समाप्त कर दी है।

सरकारी राशन विक्रेताओं को लाभांश और परिवहन का 28.87 करोड़ मिलने के बाद सरकारी राशन विक्रेताओं ने हड़ताल समाप्त कर दी है। ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष रेवाधर बृजवासी ने कहा, राज्य में एस्मा भी लागू है। शासन ने इस संबंध में निर्देश भी दिया है कि हड़ताल पर रोक है। हर महीने राशन उपलब्ध कराया जाना भी जरूरी है।

प्रदेश के सभी 9500 सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता मुफ्त बांटे जाने वाले राशन का लाभांश और मानदेय न मिलने पर नाराजगी जताते हुए 1 जनवरी से हड़ताल पर चले गए थे, लेकिन 1 दिन की हड़ताल के बाद राशन विक्रेताओं ने हड़ताल वापस ले ली है। राशन विक्रेता संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रेवाधर बृजवासी ने कहा, राज्य में एस्मा भी लागू है।

अपर सचिव रुचि मोहन रयाल ने निर्देश भी जारी किया है कि राज्याधीन सेवाओं में हड़ताल पर रोक है। राशन विक्रेता राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत खाद्यान्न का वितरण भी करते हैं। राशन कार्ड धारकों को हर माह खाद्यान्न उपलब्ध कराना जरूरी है। जबकि खाद्य आयुक्त बृजेश कुमार संत की ओर से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत लाभांश और परिवहन का 28.87 करोड़ रुपये जारी भी किए जा चुके हैं। जिसके बाद संगठन की ओर से हड़ताल वापस लेने का निर्णय भी लिया गया है।

अपर आयुक्त खाद्य, पीएस पांगती ने बताया सरकारी राशन विक्रेताओं को बताया गया है कि राज्य में एस्मा लागू है, हड़ताल न करें। उन्हें लाभांश और परिवहन का दिसंबर महीने तक का पैसा दे दिया गया है। उनकी मानदेय की मांग केंद्र सरकार के स्तर की है।