रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय में ऋषिकेश-बदरीनाथ और रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग को जोड़ने के लिए 910 मीटर लंबी सुरंग को आरपार कर दिया गया है।

रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय में ऋषिकेश-बदरीनाथ और रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग को जोड़ने के लिए 910 मीटर लंबी सुरंग को आरपार कर दिया गया है। कार्यदायी संस्था ने तय समय से लगभग दो महीने पहले ही सुरंग को आरपार किया है। सुरंग बनाने में 150 मजदूर दो शिफ्टों में काम कर रहे थे। अब, सुरंग में दूसरे चरण के काम किया जाएंगे। सुरंग निर्माण में कंपनी द्वारा विस्फोटों का बहुत कम उपयोग किया गया है।

भारत सरकार की ऑलवेदर रोड परियोजना के अंतर्गत दूसरे चरण में रुद्रप्रयाग में ऋषिकेश-बदरीनाथ और गौरीकुंड राजमार्ग को आपस में जोड़ने के लिए सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। दिसंबर 2022 में भूमि पूजन के साथ सुरंग निर्माण की कार्रवाई शुरू की गई थी । जबकि इस साल मार्च महीने में कार्यदायी संस्था भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी ने बेलणी और जगतोली से सुरंग के लिए खोदाई शुरू की।

कार्यदायी कंपनी को दिसंबर महीने तक इस सुरंग को आरपार करने का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन कंपनी ने 7 महीने में ही 150 मजदूरों के साथ ही मशीनों की मदद से सुरंग को आरपार कर दिया। बीते सोमवार को कंपनी के आला अधिकारियों की मौजूदगी में शाम 6 बजे सुरंग को बेलणी से जगतोली तक 910 मीटर आरपार किया गया। इस दौरान पंडित नरेश सेमवाल ने पूजा अर्चना भी की। वहीं मजदूरों ने फूल-मालाओं और आतिशबाजी के साथ खुशी मनाई। अधिकारियों के अनुसार, सुरंग के अंदर दूसरे चरण के कार्य जल्द शुरू किए जाएंगे । परियोजना के तहत सुरंग के साथ-साथ ही अलकनंदा नदी पर भी 200 मीटर लंबा मोटर पुल भी प्रस्तावित है, जिसके एबेडमेंट के लिए खोदाई जोरों पर चल रही है। एनएच के अधिकारियों के अनुसार परियोजना का कार्य जून महीने 2025 तक पूरा कर दिया जाएगा।

बीआरओ ने साल 2008-09 में जिला मुख्यालय में सुरंग निर्माण का प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार को भेजा गया था। साल 2016 में भारत सरकार के सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है। इसके बाद तीन चरणों में बीआरओ के अधिकारियों की मौजूदगी में सुरंग निर्माण के लिए सर्वेक्षण किया गया। सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर साल 2019 में भारत सरकार ने सुरंग निर्माण की स्वीकृति प्रदान करते हुए इसे ऑलवेदर रोड परियोजना के दूसरे चरण में शामिल किया। वही साथ ही सुरंग और अलकनंदा नदी पर पुल निर्माण के लिए 200 करोड़ की सैद्धांतिक स्वीकृति भी दी। जरूरी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद अंतिम डीपीआर के आधार पर सुरंग और पुल निर्माण का बजट 156 करोड़ कर दिया गया।

एजीएम भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी, अश्विनी कुमार ने कहा सोमवार शाम 910 मीटर लंबी सुरंग को आरपार कर दिया गया है। यह कार्य तय समय से लगभग दो महीने पहले किया गया है। सुरंग के निर्माण में मशीनों के साथ-साथ 150 मजदूरों के द्वारा दो शिफ्ट में निरंतर कार्य किया गया, जिसके लिए वह बधाई के पात्र हैं। अब, दूसरे चरण के कार्य जल्द ही शुरू किए जाएंगे।