भारतीय चिकित्सा परिषद से मान्यता प्राप्त सरकारी व निजी आयुर्वेद कॉलेजों में विभिन्न डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश के लिए नई नियमावली बनाने की कवायद चल रही है, जिसमें आयुर्वेद कोर्स में दाखिले के लिए युवाओं को आयु सीमा में छूट मिल सकती है।

भारतीय चिकित्सा परिषद से मान्यता प्राप्त सरकारी व निजी आयुर्वेद कॉलेजों में विभिन्न डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश के लिए नई नियमावली बनाने की कवायद भी चल रही है, जिसमें आयुर्वेद कोर्स में दाखिले के लिए युवाओं को आयु सीमा में छूट भी मिल सकती है।

 

वर्तमान में आयुर्वेद कोर्स के लिए आयु सीमा 17 वर्ष से 25 वर्ष निर्धारित है, जबकि दूसरे राज्यों में अधिकतम आयु सीमा का कोई प्रावधान ही नहीं है। परिषद के माध्यम से आयुर्वेद कॉलेजों में फार्मेसी, पंचकर्म, नर्सिंग, योग और प्राकृतिक चिकित्सा समेत कई कोर्स संचालित है। अभी तक इन कोर्सों में दाखिले के लिए आयु सीमा न्यूनतम 17 साल और अधिकतम 25 साल निर्धारित है।

 

यदि कोई अभ्यर्थी 30 वर्ष की आयु में आयुर्वेद कोर्स करना चाहता है, तो उसे प्रवेश नहीं मिलता, जबकि दूसरे राज्यों में अधिकतम आयु सीमा नहीं है। 17 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी अभ्यर्थी आयुर्वेद कोर्स कर सकता है। इसे देखते हुए भारतीय चिकित्सा परिषद ने शासन को प्रवेश के लिए नई नियमावली बनाने का प्रस्ताव भी भेजा है। आयुर्वेद फार्मेसी, पंचकर्म, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, नर्सिंग कोर्स में प्रशिक्षित युवाओं की मांग बढ़ रही है।

 

कई युवा कोर्स करने के बाद आयुर्वेद चिकित्सा में निजी तौर पर सेवाएं देकर रोजगार भी हासिल कर सकते हैं। सचिव आयुष डॉ. पंकज कुमार पांडेय का कहना है कि आयुर्वेद कोर्स में प्रवेश के लिए नियमावली बनाने व अधिकतम आयु सीमा में छूट देने पर विचार भी किया जा रहा है। इससे अधिक से अधिक युवा कोर्स कर निजी क्षेत्र में सेवाएं भी दे सकते हैं।