बदरीनाथ विस उपचुनाव के समर में बीजेपी के सामने कांग्रेस समर्थक वोटों को बदलने की चुनौती

बदरीनाथ विस उपचुनाव के समर में बीजेपी के सामने कांग्रेस समर्थक वोटों को बदलने की चुनौती है। लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस विधायक रहे राजेंद्र भंडारी को बीजेपी अपने पाले में तो ले आई है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि वर्ष 2022 के विस चुनाव में भंडारी को चुनने वाले मतदाताओं पर  वह ऐसा जादू चला पाई है।

 

मतदान तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, मतदाताओं की खामोशी टूटने का नाम ही नहीं ले रही है। वोटरों की चुप्पी ने प्रत्याशियों की पेशानी पर भी बल डाल रखे हैं। बीजेपी की ओर से वहां विस चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मोर्चा भी संभाल रखा है तो कांग्रेस के गणेश गोदियाल मोर्चे पर ही डटे हैं।

 

मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही होता दिखाई दे रहा है। गढ़वाल लोकसभा की 14 विधानसभा सीटों में बदरीनाथ ही इकलौती सीट थी, जहां कांग्रेस का वर्चस्व भी था। लेकिन पार्टी के विधायक रहे राजेंद्र भंडारी के लोस चुनाव से ठीक पहले पाला बदल लेने के बाद कांग्रेस हाथ खाली ही हो गए।

 

पार्टी अब भंडारी के पाला बदलने को ही मुद्दा बनाकर कांग्रेस मतदाताओं को बीजेपी के पाले में जाने से रोकने की कोशिश कर रही है। उसकी गंभीरता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि कांग्रेस के सभी बड़े नेता बदरीनाथ में कैंप करके लौट भी चुके हैं। नामांकन दाखिल करने के दौरान मुख्यमंत्री धामी, पार्टी प्रभारी और अन्य बड़े दिग्गज बदरीनाथ पहुंचे थे। प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने शुरुआती दौर में प्रचार भी किया। लेकिन अभी बीजेपी के अन्य दिग्गज वहां प्रचार के लिए नहीं पहुंचे हैं। हालांकि पार्टी ने 40 से ज्यादा स्टार प्रचारकों की सूची भी जारी की है।

 

माना जा रहा है कि कुछ दिन में पार्टी के स्टार प्रचारक बदरीनाथ में डेरा भी जमाएंगे। सीएम का भी वहां प्रचार कार्यक्रम भी तय हो गया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के मुताबिक 3 जुलाई तक संसद की कार्यवाही भी संचालित होनी है। इसके बाद पार्टी के सांसद वहां पहुंचेंगे। सीएम 5 जुलाई से बदरीनाथ में प्रचार भी करेंगे। उनका 8 जुलाई तक वहां प्रचार कार्यक्रम है। कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा 3 से 5 जुलाई तक प्रचार करेंगे।

 

बदरीनाथ विधानसभा सीट पर बीजेपी के अब तक के प्रदर्शन का सवाल है तो 2022 के विधानसभा चुनाव में उसे कांग्रेस के टिकट पर राजेंद्र भंडारी के हाथों शिकस्त भी मिली थी। अब भंडारी बीजेपी के उम्मीदवार हैं। लोकसभा चुनाव से ऐन पहले भंडारी बीजेपी में शामिल हुए थे। उनके आने से बदरीनाथ सीट पर बीजेपी को बढ़त तो मिली लेकिन उतने वोट नहीं मिले जितने 2019 के लोस चुनाव में उसने हासिल भी किए थे। 2019 में बीजेपी को 37069 वोट मिले थे। और वर्ष 2024 के चुनाव में वह 31,854 वोट ही ले पाई। कांग्रेस 23,600 वोटों पर ही सिमट गई थी।

 

इस सीट पर कांग्रेस उन मतदाताओं को साधने की कोशिश भी कर रही है, जो राजेंद्र भंडारी के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने से नाराज हैं। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि ये नाराज वोटर कांग्रेस में ही नहीं बीजेपी में भी हैं, जो भंडारी के आने से व्यथित भी हैं। इसी रणनीति पर कांग्रेस फोकस कर रही है व बीजेपी को इसका तोड़ तलाशना पड़ रहा है।

 

हम मंगलौर बदरीनाथ विधानसभा सीटों पर चुनाव भी जीतेंगे। पार्टी के वरिष्ठ नेता व कार्यकर्ता वहां प्रचार में जुटे हैं। प्रदेश महामंत्री संगठन बदरीनाथ भी पहुंच चुके हैं। पार्टी के अन्य स्टार प्रचारक पहुंच रहे हैं। – महेंद्र भट्ट, प्रदेश अध्यक्ष, बीजेपी