प्रदेश में ट्रेन से कटकर हाथियों की मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है, बीते 22 सालों में उत्तराखंड में 508 हाथियों की मौत कई कारणों से हुई I

उत्तराखंड प्रदेश में ट्रेन से कटकर हाथियों की मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है । बीते सोमवार को मध्य रात्रि में हरिद्वार-लक्सर रेलवे ट्रैक पर सीतापुर फाटक से पास एक नर हाथी की उपासना एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आकर मौत हो गई। बीते 22 सालों में उत्तराखंड में 508 हाथियों की मौत कई कारणों से हुई है, इनमें से 23 हाथी ट्रेन से कटकर मरे हैं । अकेले 16 हाथी देहरादून-हरिद्वार रेलवे ट्रैक पर ट्रेन की चपेट में आए हैं ।

 

प्रदेश में बीते 12 सालों में हाथियों का कुनबा बढ़ा है, लेकिन इनकी मृत्यु दर में कोई कमी नहीं आई है । वर्ष 2001 से आज तक 508 हाथियों की मौत बड़ा आंकड़ा है । हालांकि, हाथियों की सबसे अधिक मौत प्राकृतिक कारणों से हुई है । इस दौरान वर्ष 2001 से लेकर अब तक कुल 184 हाथी प्राकृतिक मौत मरे। वहीं, आपसी संघर्ष में 96 हाथी मारे गए, जबकि विभिन्न दुर्घटनाओं में 78 हाथी मारे गए। इसके अलावा करंट लगने से 43, जहर खाने से 1 हाथी की मौत हुई। 9 हाथी पोचिंग में मारे गए तो 23 हाथियों की मौत ट्रेन से कटकर हुई है।

इसके अलावा लोगों के लिए खतरनाक घोषित होने पर 1 हाथी की मौत हुई तो 71 मामलों में हाथी की मौत का पता नहीं चल पाया । इधर, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डॉ. समीर सिन्हा का कहना है कि रेलवे ट्रैक पर हाथियों के कटने के मामलों में कमी लाने के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य गठन से अब तक 16 हाथी देहरादून-हरिद्वार रेलवे ट्रैक पर ट्रेन से कटे हैं। 19 अप्रैल 2019 को सीतापुर रेलवे फाटक पर ही रेलवे ट्रैक पार करते समय दो टस्कर हाथियों की मौत हो गई थी। 13 जनवरी 2013 को भी इसी इलाके में एक साथ 2 हाथियों की ट्रेन की चपेट में आने जान चली गई थी। 17 फरवरी 2018 और 20 मार्च 2018 को नंदा देवी एक्सप्रेस की चपेट में आने से 2 हाथियों की मौत हुई। इसके बाद 26 जून 2018 को काठगोदाम एक्सप्रेस की चपेट में आने से 1 हाथी की मौत हो गई थी । इसी तरह से राज्य गठन के बाद से अब तक 16 हाथी ट्रेनों का शिकार बन चुके हैं ।

 

देश में हाथियों की संख्या में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है, वहीं उत्तराखंड में इनकी संख्या में इजाफा हुआ है । वर्ष 2020 की हाथी गणना के अनुसार, राज्य में कुल 2026 हाथियों की मौजूदगी दर्ज की गई है । वयस्क नर और मादा हाथी का लैंगिक अनुपात 1:2.50 पाया गया, जो एशियन हाथियों की आबादी में बेहतर माना जाता है।