पुलिस ने विजयलक्ष्मी हत्याकांड का किया खुलासा

विजयलक्ष्मी हत्याकांड से हर कोई सदमे में हैं। लोग यकीन नहीं कर पा रहे हैं कि जिस लड़की को विजयलक्ष्मी अपनी बेटी तरह मानती थी, वह ही उनकी इस तरह षड़यंत्र रचकर हत्या कर देगी। विजयलक्ष्मी ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि भरोसे के कारण वह अपनी जिंदगी हार जाएंगी।

भाजपा नेता धर्मराज ने बताया कि कई साल पहले अंजलि की मौसी उनके घर के पास रहती थी। मौसी के घर अजंलि की मां का भी आना-जाना था। यहीं उनके परिवार से मेलजोल हो गया। अंजलि बचपन से ही विजयलक्ष्मी के घर आती थी। वह उसे अपनी बेटी की तरह समझती थीं। उस पर किसी तरह के शक-ओ-शुब्हा का सवाल नहीं था।

साथ हि धर्मराज ने बताया कि जब उनकी भतीजी का विवाह हो गया और दोनों भतीजे बाहर चले गए तो अंजलि का आना-जाना बढ़ गया। अंजलि पर आंख बंद कर भरोसा करने से ही उनकी भाभी को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। जायसवाल परिवार विजयलक्ष्मी की हत्या से गमजदा है, लेकिन परिवार के इतने करीबी द्वारा वारदात को अंजाम देने से वह अचंभित हैं।
परिजनों कहना है कि उन्हें यकीन नहीं हो रहा है कि विजयलक्ष्मी की इतनी करीबी इस कदर निर्दयी हो सकती है कि उनकी हत्या कर दे। धर्मराज जायसवाल का कहना कि अगर चेन गायब नहीं होती तो दोनों हत्यारे बच सकते थे। घटना का खुलासे में भाभी के गले से गायब चेन ने अहम भूमिका निभाई।
आज के समय में अधिकतर परिवारों के बच्चे परदेश में नौकरी कर रहे हैं और घर पर बुजुर्ग अकेलेपन की जीवन बिता रहे हैं। ऐसे में बुजुर्गों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है। सुरक्षा की दृष्टि से बुजुर्ग अपने आस-पड़ोस के रिश्तेदारों के संपर्क में रहें। अगर घर में कोई अकेला है तो स्थानीय पुलिस को सूचित करें।
शाहजहांपुर निवासी शिवम पिछले कई दिन से बेरोजगार था। उसकी मां ने बताया कि उसको अरायजनवीस की नौकरी दिलवाई तो कुछ दिन बाद उसे मालिक ने निकाल दिया। बाद में नौकरी करने दिल्ली गया लेकिन कुछ ही समय में वहां से भी लौट आया। इन दिनों वह नौकरी की तलाश में था। जानकारी के अनुसार, शिवम का किच्छा में गैस एजेंसी रोड पर ननिहाल है।
वह अक्सर अपनी नानी के घर आता था। यहीं उसकी दोस्ती अंजलि से हो गई। शिवम की मां ने बताया कि अंजलि अक्सर शिवम को किच्छा बुलाती थी। इसकी जानकारी मिलने पर उन्होंने कई बार शिवम को रोका था। बताया कि घटना के दिन शिवम घर से कहीं काम पर जाने की बात कहकर गया था।