“नैनीताल रोड: अंडरग्राउंड सिस्टम से जल संकट की समस्या का समाधान”

नैनीताल सड़क  पर  ड्रेनेज का कोई सिस्टम ना होने से  अंडरग्राउंड पासिंग सिस्टम बनाकर देवखड़ी नाले का सारा पाना सिंचाई नहर में छोड़ दिया गया।  इसके चलते  लालकुआं विधानसभा में तीनपानी गोरापड़ाव मोटाहल्दू लालकुआं से लेकर बिंदुखत्ता तक जलभराव देखना को मिल रहा है। ईई लोनिवि अशोक कुमार ने बताया कि सीएम घोषणा के तहत प्रस्ताव की स्वीकृति के हिसाब से ही विभाग ने काम किया है।

हर मानसून में नैनीताल रोड पर टेड़ी पुलिया के आसपास करीब 200 मीटर हिस्से में जलभराव की स्थिति पैदा होती थी। देवखड़ी नाले का पानी पहुंचने पर यह स्थिति बनती थी।

मगर इस साल मानसून की शुरुआत में ही यह सारा पानी तीनपानी से लेकर लालकुआं-बिंदुखत्ता तक पहुंच गया। जिस वजह से ब बड़ी आबादी के लिए संकट की स्थिति पैदा हो गई। और इस समस्या की वजह वो इंजीनियरिंग है जिससे नैनीताल रोड पर अंडरग्राउंड पासिंग सिस्टम बनाकर देवखड़ी नाले का सारा पाना सिंचाई नहर में छोड़ दिया।

कुमाऊं के प्रवेशद्वार हल्द्वानी में ड्रेनेज का कोई सिस्टम अब तक नहीं है। ऐसे में बरसात होते ही जगह-जगह जलभराव हो जाता है। बीते रविवार को शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक में भारी बरसात की वजह से काफी नुकसान हुआ है। वहीं, नैनीताल रोड पर टेड़ी पुलिया के पास हर साल मानसून   में जलभराव होता था।

200 मीटर के दायरे में पानी जमा होने के बाद बरसात थमने पर ही हालात सामान्य होते थे। इसके बाद लोनिवि को इस समस्या के समाधान का जिम्मा सौंपा गया। विभाग ने हाईवे के अंदर भूमिगत सिस्टम तैयार कर पानी को सड़क पार नहर में छोड़ दिया। अब इस बरसात में टेड़ी पुलिया के आसपास तो ज्यादा दिक्कत नहीं आई। लेकिन लालकुआं विधानसभा में तीनपानी, गोरापड़ाव, मोटाहल्दू, लालकुआं से लेकर बिंदुखत्ता तक का क्षेत्र जलमग्न नजर आया। यहां का रेलवे स्टेशन तक सोमवार को पानी में डूबा दिखा।

बीते मंगलवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी के हल्द्वानी दौरे के दौरान लालकुआं विधायक डा. मोहन सिंह बिष्ट ने मुख्यमंत्री के समक्ष इस मामले को रखा। विधायक का कहना था कि चार-पांच माह पहले उन्होंने सिंचाई विभाग और प्रशासन को इस समस्या से अवगत भी कराया था। फौरी तौर पर कुछ जगहों पर नहर की ऊंचा कर बचाव किया जा सकता है। अब प्रशासन समाधान खोजने में जुटा है।