नैनीताल। हाईकोर्ट में बीते सोमवार को उद्यान विभाग घोटाले की जांच सीबीआई या किसी अन्य एजेंसी से कराने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई

एसआईटी ने अपनी प्राथमिक जांच रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में कोर्ट मे पेश की। वही अब यह लिफाफा 6 सितंबर को होने वाली सुनवाई के दौरान खोला जाएगा।

उत्तराखंड नैनीताल। हाईकोर्ट में बीते सोमवार को उद्यान विभाग घोटाले की जांच सीबीआई या किसी अन्य एजेंसी से कराने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान एसआईटी ने अपनी प्राथमिक जांच रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में कोर्ट मे पेश की। वही अब यह लिफाफा 6 सितंबर को होने वाली सुनवाई के दौरान खोला जाएगा। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।

 

आपको बता दें कि पिछली तिथि को कोर्ट ने एसआईटी से 15 दिन के भीतर मामले की प्राथमिक जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था। कोर्ट ने कहा था कि वह यह देखना चाहती है कि मामले की जांच सीबीआई से कराने से पहले एसआईटी सही जांच कर भी रही है या नहीं।

 

दीपक करगेती ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि उद्यान विभाग में लाखों का घोटाला हुआ है। इसमें फल और अन्य के पौधरोपण पर गड़बडियां की गईं हैं। विभाग की ओर से एक ही दिन में वर्क ऑर्डर जारी कर उसी दिन जम्मू कश्मीर से पौधे लाना दिखाया गया जिसका भुगतान भी कर दिया गया। शीतकालीन सत्र में निलंबित उद्यान निदेशक की ओर से पहले एक नकली नर्सरी अनिका ट्रेडर्स को पूरे राज्य में करोड़ों की पौध खरीद का कार्य दिया गया। जब उद्यान लगाओ उद्यान बचाओ यात्रा से जुड़े किसानों और उत्तरकाशी के किसानों ने इस प्रकरण को उठाया तो अनिका ट्रेडर्स के आवंटन को रद्द करने का पत्र जारी कर दिया गया। इसके बावजूद पौधे अनिका ट्रेडर्स के बांटे गए। नैनीताल में मुख्य उद्यान अधिकारी के साथ मिलकर बवेजा ने एक फर्जी आवंटन जम्मू-कश्मीर की एक और नर्सरी बरकत एग्रो फार्म को कर दिया। बरकत एग्रो फार्म को इनवॉइस बिल आने से पहले ही भुगतान कर दिया गया। बिलों पर अकाउंटेंट के हस्ताक्षर के बिना ही करोड़ों रुपये ठिकाने लगा दिए गए।