उत्तराखंड में वन संपदा को लोगों की आजीविका से जोड़ते हुए कई नए प्रयोग करने की तैयारी योजना के तहत सागोन, अखरोट, बांस, बांज, पापुलर जैसी प्रजातियों को बढ़ावा दिया जाएगा ।

उत्तराखंड में वन संपदा को लोगों की आजीविका से जोड़ते हुए कई नए प्रयोग करने की तैयारी है । योजना के तहत उच्च हिमालयी क्षेत्रों सहित मैदानी इलाकों के लिए अलग-अलग योजनाओं पर काम किया जा रहा है ।

योजना के तहत सागोन, अखरोट, बांस, बांज, पापुलर जैसी प्रजातियों को बढ़ावा दिया जाएगा । उच्च हिमालयी क्षेत्रों में उद्यान विभाग के साथ मिलकर अखरोट उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए वेलनट मिशन के तहत काम किया जाएगा। एक अनुमान के अनुसार, राज्य की आय में वानिकी क्षेत्र की हिस्सेदारी 2.5 से 3.5 प्रतिशत तक है इसके लिए वानिकी क्षेत्र को राज्य की आर्थिकी का प्रमुख ग्रोथ ड्राइवर चिह्नित किया गया है ।

इसलिए राज्य सरकार को इस बात पर जोर है कि कैसे वानिकी क्षेत्र का उपयोग करते हुए इसे वन पंचायतों और लोगों की आजीविका से जोड़ा जाए । इस संबंध में बीते दिनों सीएम पुष्कर सिंह धामी ने वन अधिकारियों की बैठक लेकर लंबी चर्चा की थी । इसी बैठक में वानिकी क्षेत्र के राजस्व प्रतिशत को बढ़ाने पर कई मुद्दों पर चर्चा की गई थी। इसके साथ ही लीसा बिक्री के नियमों में भी बदलाव की तैयारी की जा रही है । प्रदेश में लीसा बिक्री की ऑनलाइन व्यवस्था के तहत नीलामी की जाती है, स्थानीय लोगों को इसका कोई लाभ नहीं मिल पता है । इसके ध्यान में रखते हुए सीएम के स्तर से स्थानीय स्तर पर लीस ब्रिकी संभावनाओं को तलाशने के निर्देश दिए गए हैं।

उत्तराखंड में यूकेलिप्टस प्रजाति के पुराने पेड़ों को काटने के लिए कार्ययोजना में शामिल करने के निर्देश शासन स्तर पर दिए गए हैं। इनके स्थान पर जरूरत के अनुसार नई प्रजाति के पौधे भी लगाए जा सकते हैं, जो नॉन टिबंर फॉरेस्ट प्रोडेक्ट की श्रेणी में आते हों । उत्तराखंड अखरोट उत्पादन में देश में जम्मू-कश्मीर के बाद दूसरे नंबर पर आता है। उत्तराखंड में अखरोट उत्पादन के लिए अनुकूल परिस्थितियां हैं। बावजूद बीते कुछ वर्षो में राज्य में इसका उत्पादन घटा है। उत्तराखंड में हर साल करीब 18 से 20 हजार मीट्रिक टन अखरोट का उत्पादन होता है। पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, बागेश्वर, नैनीताल, चंपावत, देहरादून, रुद्रप्रयाग, टिहरी, चमोली, पौड़ी और उत्तरकाशी के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में इसके उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं।

वन मंत्री, सुबोध उनियाल ने कहा उत्तराखंड राज्य की आय में वानिकी क्षेत्र की हिस्सेदारी का प्रतिशत बढ़ाने के लिए कई कार्ययोजनाओं पर काम किया जा रहा है। मिशन वेलनट और नॉन टिबंर फॉरेस्ट प्रोडेक्ट को बढ़ावा देना इसी रणनीति का हिस्सा है। इसमें जड़ी-बूटियों के उत्पादन को भी शामिल करने की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है।