उत्तराखंड पंचायत उपचुनाव: 33 हजार से अधिक पद खाली, करीब 25 हजार सीटों पर हो सकता है निर्विरोध निर्वाचन
देहरादून। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायतों के 33,139 खाली पदों में से अधिकांश पर इस बार निर्विरोध निर्वाचन होने की संभावना भी जताई जा रही है। राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, ग्राम प्रधानों के पद पहले ही भरे जा चुके हैं, जिसके चलते अब ग्राम पंचायत सदस्यों के चयन में सहमति बनने की स्थिति भी बन रही है। अनुमान है कि करीब 25 हजार ग्राम पंचायत सदस्य बिना मुकाबले ही निर्वाचित भी हो सकते हैं।
4843 ग्राम पंचायतों का गठन अब तक अधर में
राज्य में ग्राम पंचायतों के गठन में ग्राम पंचायत सदस्यों की भूमिका अहम भी मानी जाती है। लेकिन दो-तिहाई सदस्यों के निर्वाचित न होने के कारण अब तक 4843 ग्राम पंचायतों का गठन ही नहीं हो सका है। ग्रामीणों में पंचायत सदस्य पद के प्रति रुचि कम होने के कारण 33,114 सीटें खाली भी रह गई हैं।
ग्राम प्रधानों की सहमति से हो सकता है निर्विरोध चयन
अब जबकि प्रदेश की अधिकांश ग्राम पंचायतों में प्रधानों का चुनाव पूरा भी हो चुका है (केवल 22 पंचायतों को छोड़कर), ऐसे में ग्राम प्रधान अपने समर्थकों की सहमति से पंचायत सदस्यों का निर्विरोध निर्वाचन भी करा सकते हैं।
इन जिलों में नहीं हो पाया पंचायत गठन
ग्राम पंचायतों में कोरम पूरा न होने के कारण कई जिलों में पंचायत गठन भी अधूरा है —
- देहरादून: 117
- पौड़ी गढ़वाल: 819
- उत्तरकाशी: 303
- अल्मोड़ा: 925
- पिथौरागढ़: 378
- चमोली: 448
- नैनीताल: 330
- ऊधमसिंह नगर: 98
- टिहरी गढ़वाल: 680
- बागेश्वर: 272
- चंपावत: 265
- रुद्रप्रयाग: 208
नामांकन के बाद तय होगी तस्वीर
राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राहुल कुमार गोयल ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में निर्विरोध निर्वाचन की स्थिति नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद स्पष्ट भी होगी। नामांकन पत्र 13 व 14 नवंबर को जमा किए जाने हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग का मानना है कि निर्विरोध निर्वाचन से न केवल पंचायतों के गठन की प्रक्रिया तेजी से पूरी भी होगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर सामंजस्य व सहमति का संदेश भी जाएगा।