उत्तराखंड: केदारनाथ रूट पर हेलिकॉप्टर क्रैश में 7 की मौत, सीएम धामी ने दिए सख्त निर्देश
रुद्रप्रयाग – उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड क्षेत्र में आज रविवार सुबह एक बड़ा हादसा हुआ। केदारनाथ-गुप्तकाशी रूट पर आर्यन एविएशन कंपनी का एक हेलिकॉप्टर भी दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें सवार 7 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में एक 23 माह की मासूम बच्ची, उसके माता-पिता व एक पायलट भी शामिल हैं।
हादसा सुबह करीब 5:30 बजे हुआ, जब बेल 407 हेलिकॉप्टर (VT-BKA) ने केदारनाथ से उड़ान भरकर गुप्तकाशी की ओर उड़ान भरी थी। कुछ ही मिनटों बाद गौरी माई खर्क के ऊपर जंगलों में यह क्रैश हो गया। हादसे की सूचना घास काट रही नेपाली मूल की महिलाओं ने दी, जिसके बाद प्रशासन भी हरकत में आया।
हेलिकॉप्टर में कुल 7 लोग सवार थे — 5 यात्री, 1 बच्ची और पायलट। दुर्घटना की पुष्टि हेलिकॉप्टर नोडल अधिकारी राहुल चौबे और जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने भी की है।
मृतकों की पहचान:
- विक्रम सिंह रावत (46) – ग्राम रांसी, तहसील ऊखीमठ, जिला रुद्रप्रयाग (BKTC कर्मचारी)
- विनोद देवी (66) – सिविल लाइन, बिजनौर, उत्तर प्रदेश
- तुष्टी सिंह (19) – बिजनौर, उत्तर प्रदेश
- राजकुमार सुरेश जायसवाल (41) – वाणी, नंदेपेरा रोड, महाराष्ट्र
- शारदा राजकुमार जायसवाल (35) – महाराष्ट्र
- काशी (23 महीने की बच्ची) – महाराष्ट्र
- कैप्टन राजीव – पायलट, निवासी राजस्थान, आर्यन एविएशन
बताया जा रहा है कि हादसे के बाद शव बुरी तरह जल चुके थे, जिससे पहचान में भी कठिनाई आई।
मुख्यमंत्री धामी ने जताया शोक, दिए जांच के निर्देश
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया और कहा कि,
“यह अत्यंत दुःखद और संवेदनशील घटना है। राज्य सरकार राहत एवं बचाव कार्यों में पूरी तत्परता से जुटी है। सभी यात्रियों की कुशलता के लिए बाबा केदार से प्रार्थना करता हूं।”
हेलिकॉप्टर दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या को गंभीरता से लेते हुए सीएम धामी ने हेलीकॉप्टर संचालन पर सख्त दिशानिर्देश भी जारी किए हैं। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देशित किया है कि तकनीकी विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति बनाई जाए, जो सभी सुरक्षा व तकनीकी पहलुओं की समीक्षा कर एक ठोस SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) भी तैयार करे।
इस SOP में यह अनिवार्य किया जाएगा कि:
- हर उड़ान से पहले हेलिकॉप्टर की पूर्ण तकनीकी जांच हो।
- मौसम की सटीक और अद्यतन जानकारी के आधार पर ही उड़ान की अनुमति दी जाए।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए हैं कि हालिया हादसे समेत पूर्व की सभी हेलिकॉप्टर दुर्घटनाओं की पुनः जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की संस्तुति भी दी जाए।
DGCA और UCADA ने भी ली गंभीरता से घटना
नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं। DGCA के अनुसार, चारधाम यात्रा के दौरान हेलिकॉप्टर सेवाओं की आवृत्ति पहले ही कम की जा चुकी थी। अब संचालन की समीक्षा और निगरानी को और अधिक कठोर भी किया गया है।
UCADA (उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण) की सीईओ सोनिका ने बताया कि घाटी में खराब मौसम को देखते हुए हेलिकॉप्टर सेवाएं अगले आदेश तक बंद ही कर दी गई हैं।
पिछले हादसे भी चिंता का कारण
यह कोई पहला मामला नहीं है। इसी वर्ष 8 मई को उत्तरकाशी में एक हेलिकॉप्टर क्रैश में 6 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 7 जून को बडासू हेलिपैड से टेकऑफ के दौरान एक हेलिकॉप्टर में तकनीकी खराबी आने से इमरजेंसी लैंडिंग भी करनी पड़ी थी, जिसमें पायलट घायल हो गया था।
उत्तराखंड में हेलिकॉप्टर सेवाएं तीर्थ यात्रा, आपदा प्रबंधन व आपातकालीन सेवाओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। लेकिन लगातार हो रही घटनाएं इनकी सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रही हैं। राज्य सरकार और नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के लिए अब यह वक्त है जब लापरवाही के बजाय व्यवस्थित सुधार व जवाबदेही को प्राथमिकता दी जाए।