यूपीसीएल का बड़ा नवाचार: 200 करोड़ के जुर्माने से बचाएगा नया ADRS सिस्टम
देहरादून: यूपीसीएल ने 200 करोड़ रुपये से अधिक के वार्षिक जुर्माने से बचने का स्मार्ट तरीका भी खोज लिया है।
बिजली की मांग के सापेक्ष अधिक या कम बिजली लेने पर लगने वाले भारी-भरकम पेनल्टी से निपटने के लिए निगम ने आईआईटी विशेषज्ञों की मदद से ऑटोमैटिक डिमांड रिस्पांस सिस्टम (ADRS) भी तैयार किया है।
अब तक राज्य में आने-जाने वाली बिजली का सटीक हिसाब रखना, रोजाना की मांग का अनुमान, बाजार से खरीद व नेशनल ग्रिड आवंटन पर निगरानी यूपीसीएल के लिए जटिल व पारंपरिक प्रक्रिया थी। गलत मांग अनुमान की वजह से हर वर्ष करोड़ों का जुर्माना भी लगता रहा, जिसका असर उपभोक्ताओं की जेब तक भी पहुंचता था।
क्या कर देगा नया सिस्टम?
आईआईटी के विशेषज्ञों द्वारा विकसित यह सॉफ्टवेयर उन सभी पॉइंट्स की लाइव रीडिंग देता है जहां से राज्य में बिजली आती या बाहर भी जाती है। स्क्रीन पर रीयल-टाइम ग्राफ के रूप में पूरे बिजली प्रवाह का विवरण भी दिखाई देता है।
यूपीसीएल के निदेशक (परियोजना) अजय अग्रवाल के अनुसार, उपलब्धता के मुकाबले अचानक मांग बढ़ने पर मुख्यालय से ही तुरंत बिजली कटौती जैसे निर्णय भी लिए जा सकेंगे। इससे ग्रिड ओवरड्रॉ की स्थिति से बचा भी जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि इस तरह का उन्नत लाइव मॉनिटरिंग सॉफ्टवेयर लागू करने वाला यूपीसीएल देश का पहला निगम भी बन गया है।