केदारनाथ रेस्क्यू ऑपरेशन का तीसरा दिन, दो शव बरामद, 300 यात्रियों का बचाव, मौसम की चुनौती जारी

केदारनाथ में फंसे यात्रियों को निकालने के लिए लगातार तीसरे दिन भी रेस्क्यू जारी है। गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर लिनचोली के समीप सुबह थारू कैंप में रेस्क्यू के दौरान ही एक शव मिला है। अभी दोपहर में ही एक और शव बरामद हुआ है। वहीं आज तीसरे दिन अभी तक 300 लोगों का पैदल रेस्क्यू भी किया जा चुका है। एयरलिफ्ट के लिए 4 हेलिकॉप्टर लगाए गए हैं। हालांकि मौसम खराब होने के कारण एक हेलिकॉप्टर ही उड़ान भर पर पाया है।

केदारनाथ पैदल मार्ग पर बादल फटने के बाद से रेस्क्यू अभी जारी है। करीब 150 लोगों से संपर्क ही नहीं हो पा रहा है। अब तक 6,980 लोगों का रेस्क्यू भी हो चुका है। बीते शुक्रवार को 2980 लोगों का रेस्क्यू किया गया है। 599 को हेलिकॉप्टर से भी लाया गया है। अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त पैदल मार्ग पर विभिन्न पड़ावों पर फंसे हुए लोगों का रेस्क्यू भी जारी है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि रेस्क्यू टीम द्वारा थारू कैंप के पास बड़े पत्थरो में दबे शव को भी निकला लिया गया है। जिसके पास से 2 मोबाइल और अन्य सामग्री प्राप्त हुई है।

शव की पहचान शुभम कश्यप निवासी सहारनपुर के रूप में हुई है और शव व प्राप्त सामग्री को चौकी लिनचोली के सुपुर्द भी कर दिया गया है। तत्पश्चात टीम द्वारा लापता लोगों की तलाश के लिए थारू कैंप, छोटी लिनचोली में सर्चिंग भी की गई। सर्चिंग के दौरान थारू कैंप में एक मोबाइल भी प्राप्त हुआ, जिसे चौकी लिनचोली के सुपुर्द कर दिया गया है।

केदारनाथ रेस्क्यू जारी

-त्रिजुगीनारायण से 3 से 4 किमी ऊपर की ओर तोसी गांव में 08 से 10 यात्रियों के फंसे होने की सूचना पर एसआई जितेंद्र सिंह के नेतृत्व में एसडीआरएफ कि एक रेस्क्यू टीम मौके के लिए रवाना भी हो चुकी है।

-एसडीआरएफ की दूसरी टीम चिड़वासा में निरीक्षक अनिरुद्ध भंडारी के नेतृत्व में ही रेस्क्यू कार्य कर रही है।

-एसडीआरएफ की एक अन्य टीम निरीक्षक कर्ण सिंह के नेतृत्व में सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच यात्रियों को निकालने में भी जूटी हुई है।

-हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू भी शुरू हो गया है।

-मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअली जिलाधिकारी (रुद्रप्रयाग) व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (रुद्रप्रयाग) से बात कर आपदा संबंधित राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा बैठक ली व आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

-हेली संचालन के लिए मौसम खुलते ही भीमबली से एयर लिफ्ट कर फंसे हुए श्रद्धालुओं को रेस्क्यू करना भी शुरू कर दिया गया है। वहीं 11 बजे तक सोन प्रयाग से गौरीकुंड के बीच से करीब 250 लोगों को मैनुअल रेस्क्यू भी किया जा चुका है।

विभिन्न पड़ावों पर फंसे हुए तीर्थ यात्रियों और स्थानीय लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन सहित अन्य सुरक्षा बल लगातार कार्य कर रहे हैं। आज शनिवार को लगातार तीसरे दिन रेस्क्यू और राहत कार्यों के तहत भीमबली सहित अन्य स्थानों पर जिला प्रशासन एवं खाद्य विभाग द्वारा फूड पैकेट का वितरण भी किया जा रहा है। इसके अलावा जीएमवीएन द्वारा केदारनाथ सहित अन्य स्थानों पर फंसे लोगों के लिए भोजन व्यवस्था भी की गई।

पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग डॉ. विशाखा अशोक भदाणे ने बताया कि पैदल मार्ग काफी स्थानों पर क्षतिग्रस्त भी हुआ है। लगातार ही रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। बताया कि नेटवर्क न रहने के कारण काफी लोगों का उनके परिजनों से सम्पर्क ही नहीं हो पा रहा था, इनमें से रेस्क्यू के उपरान्त लोगों का उनके परिजनो से सम्पर्क भी हो गया है व अधिकांश लोग अपने घर सकुशल भी पहुंच गए हैं।

पुलिस अधीक्षक ने कहा कि कतिपय माध्यमों से ऐसी भी सूचनाएं चल रही हैं “कि इस पूरे घटनाक्रम में बड़ी संख्या लोग भी लापता हैं”। उन्होंने कहा कि जितने भी लोगों की सूचना पुलिस के पास है, लगभग सभी अपने घरों को भी पहुंच गए हैं। किसी भी तरह से अगर कोई भ्रामक सूचनाएं फैलाता है तो उस पर विश्वास भी न करें।

अगर आपका परिजनों से सम्पर्क ही नहीं हो रहा है तो पुलिस से जरूर सम्पर्क करें। केदारनाथ में मौसम खराब होने की समस्या बनी हुई है। ऐसे में रेस्क्यू करने में एसडीआरएफ व पुलिस प्रशासन को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।