उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए सात कदम हुए पूरे

समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के लिए सात कदम पूरे हो चुके हैं। आठवां कदम उठते ही उत्तराखंड देश का पहला राज्य बनेगा, जिसमें अलग-अलग धर्मों के पर्सनल लॉ की जगह एक समान कानून होंगे। जहां हर धर्म की महिलाएं अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे सशक्त होगी। लिव-इन-रिलेशनशिप को भी कानून के दायरे में लाया जाएगा।

1- 2022 के आम चुनावों से पहले सरकार ने उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने की घोषणा की।

2- सरकार गठन के बाद पहली बैठक में यूसीसी लागू करने का निर्णय लिया गया।

3-सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया।

4- कमेटी की रिपोर्ट सौंपने के बाद बीती सात फरवरी को राज्य विधान सभा में विधेयक पारित हुआ।

5- राष्ट्रपति की सहमति से 12 मार्च को यूसीसी अधिनियम पारित हुआ।

6- यूसीसी की नियमावली और क्रियान्वयन के लिए सेवानिवृत्त आईएएस शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में विशेष समिति का गठन हुआ, जिसकी नियमावली बनाने के संबंध में लगभग 140 बैठकें हुईं।

7-नियमावली तैयार करके बीते  शुक्रवार को सरकार को सौंपी गई।

8-जल्द ही मंत्रिमंडल बैठक करके सरकार यूसीसी को लागू कर देगी।