विश्व मधुमेह दिवस पर उत्तराखंड में पहली बार टाइप-1 डायबिटीज के लिए राज्य स्तरीय गाइडलाइन जारी

देहरादून: विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर उत्तराखंड में पहली बार टाइप-1 डायबिटीज प्रबंधन के लिए राज्य स्तरीय गाइडलाइन भी जारी की गई है। स्वास्थ्य विभाग ने इसे टाइप-1 डायबिटीज से प्रभावित बच्चों व युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम भी बताया है।

देहरादून में आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन व विशेषज्ञ डॉक्टर शामिल हुए। अधिकारियों ने बताया कि टाइप-1 डायबिटीज में देरी से इलाज जीवन के लिए खतरनाक भी हो सकता है, और राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों को देखते हुए एक मानकीकृत मॉडल लंबे समय से जरूरी भी था।

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि राज्य सरकार ने “गुब्बारा क्लीनिक मॉडल” स्थापित भी किया है, जो टाइप-1 डायबिटीज से प्रभावित लोगों को एक ही स्थान पर इंसुलिन थेरेपी, शुगर मॉनिटरिंग, मेडिकल चेकअप व काउंसलिंग जैसी सभी सुविधाएं उपलब्ध कराता है।

राज्य में अब तक 200 मरीजों को चिन्हित कर नामांकित भी किया जा चुका है। सरकार का लक्ष्य 2026–27 तक 1120 मरीजों को इस कार्यक्रम से जोड़ने का भी है। देहरादून, हरिद्वार, बागेश्वर व उधम सिंह नगर सहित कई जिलों में गुब्बारा क्लीनिक संचालित हो रहे हैं।

नई गाइडलाइन के लागू होने से टाइप-1 डायबिटीज प्रबंधन अब अधिक वैज्ञानिक, सरल व एक समान प्रणाली के तहत होगा। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि यह मॉडल पूरे देश के लिए उदाहरण भी बन सकता है।