कंडारी परिवार की राजनीति में वापसी, राजीव और रीना कंडारी ने पंचायत चुनाव में दर्ज की जीत

टिहरी गढ़वाल। लंबे समय से उत्तराखंड की राजनीति में प्रभावशाली भूमिका निभा चुके पूर्व कैबिनेट मंत्री मातबर सिंह कंडारी का परिवार एक बार फिर सक्रिय राजनीति की ओर अपने कदम बढ़ाता दिख रहा है। भिलंगना ब्लॉक में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में उनके बेटे राजीव कंडारी व बहू रीना कंडारी ने क्षेत्र पंचायत सदस्य पद पर जीत हासिल कर अपने राजनीतिक सफर की मजबूत शुरुआत भी की है।

राजीव कंडारी ने बहेड़ा सीट से जबकि उनकी पत्नी रीना कंडारी ने मल्याकोट सीट से जीत भी दर्ज की। पति-पत्नी की इस संयुक्त जीत ने स्थानीय राजनीति में नई हलचल भी पैदा कर दी है, और यह अटकलें अब तेज हो गई हैं कि राजीव कंडारी अब भिलंगना ब्लॉक प्रमुख पद के लिए दावा भी ठोक सकते हैं।

पंचायत से राजनीति की नई पारी

यदि राजीव कंडारी ब्लॉक प्रमुख पद के लिए मैदान में उतरते हैं, तो यह कंडारी परिवार की पंचायत राजनीति में प्रभावशाली वापसी भी मानी जाएगी। इससे यह भी संकेत मिलते हैं कि परिवार की राजनीति में नई पीढ़ी अब सक्रिय भूमिका भी निभाने को तैयार है।

मातबर सिंह कंडारी: अनुभव और विरासत

पूर्व मंत्री मातबर सिंह कंडारी का राजनीतिक सफर उत्तर प्रदेश से लेकर उत्तराखंड तक भी फैला रहा है। वे देवप्रयाग व रुद्रप्रयाग विधानसभा क्षेत्रों से विधायक भी रह चुके हैं और भाजपा में लंबे समय तक सक्रिय रहने के बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन भी थामा था।

हालांकि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से टिकट न मिलने पर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा व हार का सामना किया। इसके बाद उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया और वे राजनीति से ही दूर हो गए थे।

नई जीत से बदले समीकरण

पंचायत चुनाव में बेटे-बहू की जीत ने कंडारी परिवार के जनाधार को फिर से सशक्त भी किया है। स्थानीय स्तर पर यह संदेश गया है कि कंडारी परिवार अभी भी जनता के बीच अपनी पकड़ भी बनाए हुए है। आने वाले समय में यदि राजीव कंडारी ब्लॉक प्रमुख पद के लिए नामांकन करते हैं, तो यह निश्चित रूप से क्षेत्रीय राजनीति में एक नई समीकरण का संकेत भी होगा।