राज्यपाल ने सूचना का अधिकार अधिनियम की 19वीं वर्षगांठ पर लोक सूचना अधिकारियों को किया सम्मानित

सूचना का अधिकार अधिनियम की 19वीं वर्षगांठ के अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने आज गुरुवार को राजभवन ऑडिटोरियम में उत्तराखण्ड सूचना आयोग द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्रदेश में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोक सूचना अधिकारियों और प्रथम अपीलीय अधिकारियों को सम्मानित किया।

 

वर्ष 2022-23 व वर्ष 2023-24 में विभागीय अपीलीय अधिकारी के रूप में उत्कृष्ट कार्य करने वाले उप महाप्रबंधक, उत्तराखण्ड परिवहन निगम प्रदीप सती, तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी, हरिद्वार प्रतीक जैन और जिला विकास अधिकारी, हरिद्वार वेद प्रकाश को सम्मानित किया। लोक सूचना अधिकारी के रूप में उत्कृष्ट कार्य करने वाले थानाध्यक्ष, नरेन्द्रनगर टिहरी गढ़वाल गोपालदत्त भट्ट, वरिष्ठ विपणन अधिकारी, चिकित्सा शिक्षा विभाग उत्तराखण्ड शासन देहरादून सुश्री ऋचा को राज्यपाल द्वारा सम्मानित किया गया।

 

इस अवसर पर राज्यपाल ने सम्मानित होने वाले अधिकारियों को उनके सराहनीय कार्यों के लिए बधाई व शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि सूचनाओं का आदान-प्रदान जरूरी है जिससे एक जवाबदेह और जिम्मेदार शासन की स्थापना हो सके। उन्होंने कहा कि जिस संस्थान में पारदर्शी और जवाबदेह कार्यप्रणाली निहित होगी वह सूचनाओं के आदान-प्रदान को सकारात्मक रूप में देखता है। सूचनाएं प्राप्त करना सभी का अधिकार है, लोकतंत्र को सुदृढ़ और प्रबल बनाने में सूचना का अधिकार की महत्वपूर्ण भूमिका है।

 

राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान में केवल मैदानी जिलों के सूचना का अधिकार के आवेदन प्राप्त हो रहें हैं पहाड़ी जपनदों में यह संख्या बेहद कम है। उन्होंने इन जिलों पर विशेष फोकस किए जाने पर बल दिया और कहा कि इन जनपदों में लोगों को जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि महिलाओं की भागीदारी भी सूचना प्राप्त करने में बेहद न्यून है, उनकी भागीदारी को बढ़ाने के विशेष प्रयास किए जाए। राज्यपाल ने आयोग द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। आयोग द्वारा आवेदन और अपील पत्र प्रस्तुत करने के लिए आरटीआई ऑनलाइन पोर्टल प्रारम्भ किए जाने और हाइब्रिड मोड में पक्षकारों को सुनवाई शुरू करने के लिए आयोग को बधाई दी।

 

प्रभारी मुख्य सूचना आयुक्त विवेक शर्मा ने बताया कि उत्तराखण्ड सूचना आयोग की स्थापना से अगस्त, 2024 तक उत्तराखण्ड सूचना आयोग को कुल 56939 द्वितीय अपील शिकायतें प्राप्त हुईं हैं जिनमें से 56008 का आयोग स्तर से निस्तारण किया गया है।