कार्बेट टाइगर रिजर्व में जल्द शुरू हो सकती है फुल डे सफारी, गर्जिया–बिजरानी–ढेला–झिरना जोन में तैयारी तेज

रामनगर: कार्बेट टाइगर रिजर्व में सफारी का रोमांच अब और भी बढ़ सकता है। पहली बार यहां फुल डे सफारी भी शुरू किए जाने की तैयारी चल रही है। रिजर्व प्रबंधन ने इसका प्रस्ताव वन मुख्यालय को भेज भी दिया है। अभी कार्बेट में सुबह 6 से 10 बजे व दोपहर 2:30 से शाम 6:30 बजे तक 2 शिफ्ट में डे सफारी होती है, जबकि नाइट स्टे की सुविधा भी उपलब्ध है।

फुल डे सफारी लागू होने पर पर्यटक पूरे दिन जंगल में ही रह सकेंगे। सुबह प्रवेश करने के बाद वे शाम को ही बाहर आएंगे। 2 शिफ्ट के बीच बंद रहने वाले समय में पर्यटक वन विभाग के फॉरेस्ट रेस्ट हाउस में आराम भी कर सकेंगे। रिजर्व प्रबंधन का कहना है कि यह विकल्प वन्यजीव प्रेमियों को अधिक समय भी देगा, जिससे उन्हें बाघ, हाथी व अन्य दुर्लभ प्रजातियों को देखने का बेहतर अवसर भी मिलेगा।

कार्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक साकेत बडोला ने बताया कि रणथंभौर व ताड़ोबा टाइगर रिजर्व में पहले से फुल डे सफारी की सुविधा है। कार्बेट में इसे गर्जिया, बिजरानी, ढेला व झिरना जोन में शुरू करने की योजना है, जिसका प्रस्ताव विचाराधीन भी है।

टॉवर से वन्यजीव दर्शन की नई सुविधा

ढिकाला जोन में बने निगरानी टावर पर्यटकों के लिए भी खोले जाएंगे। इसके लिए एसओपी तैयार भी कर ली गई है। टावर के आसपास सोलर फेंसिंग होगी व पर्यटकों के साथ नेचर गाइड अनिवार्य रहेगा। भोजन ले जाना प्रतिबंधित रहेगा, हालांकि पानी भी ले जाया जा सकेगा। यह सुविधा पहली और दूसरी सफारी शिफ्ट के बीच उपलब्ध भी होगी और इसके लिए अतिरिक्त शुल्क देना होगा।

हाथी सफारी शुरू करने की तैयारी

प्रबंधन ने हाथी सफारी फिर से शुरू करने का भी प्रस्ताव भेजा है। यह सुविधा पहले आओ–पहले पाओ के आधार पर ही मिलेगी।

अधिकारियों का कहना है कि फुल डे सफारी लागू होने पर पर्यटकों को अतिरिक्त शुल्क भी देना होगा, लेकिन मांग लगातार बढ़ रही है। कार्बेट व राजाजी टाइगर रिजर्व में पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।

वित्तीय वर्ष 2022–23 में 6,58,613, 2023–24 में 7,17,939 व 2024–25 में 8,08,324 पर्यटक पहुंचे। सिर्फ कार्बेट के आसपास के क्षेत्रों में ही 2024–25 में करीब 1000 करोड़ रुपये का कारोबार भी हुआ है।