उपनल पर एस्मा: धामी सरकार पर गोदियाल का बड़ा हमला
देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने राज्य सरकार द्वारा उपनल कर्मचारियों पर एस्मा (उत्तराखंड आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम) और ‘नो वर्क नो पे’ लागू किए जाने की कड़ी आलोचना भी की है। उन्होंने कहा कि ये वही कर्मचारी हैं जो वर्षों से प्रदेश की स्वास्थ्य, सुरक्षा, प्रशासनिक व तकनीकी सेवाओं को बिना स्थायीकरण, बिना सुरक्षा व बिना उचित वेतन के संभालते आए हैं।
गोदियाल ने आरोप लगाया कि जब कर्मचारी अपने वैध अधिकारों और सेवा शर्तों के सुधार की मांग कर रहे हैं, तब सरकार ने बातचीत छोड़ दमन का रास्ता भी अपनाया है। यह सरकार की नीतिगत असफलता व मानव संसाधन प्रबंधन की कमजोरी को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि एस्मा लगाकर सरकार ने कर्मचारियों को अपराधी की तरह पेश करने की कोशिश भी की है, जबकि असली अपराध इनकी वर्षों की उपेक्षा भी है। उपनल व्यवस्था में मौजूद अनियमितताओं, कमीशन प्रणाली व संविदा आधारित ढांचे पर सरकार जवाब देने से बच भी रही है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में डॉक्टरों, नर्सों, तकनीकी स्टाफ व फील्ड वर्कर्स की भारी कमी के बीच एस्मा लागू करना सरकार की घबराहट को भी दिखाता है।
तीखे सवाल उठाते हुए गोदियाल ने कहा—क्या उपनल कर्मचारी मशीन हैं? क्या अधिकार मांगने पर उन्हें दंडित किया जाएगा? क्या संवाद व समाधान सरकार की प्राथमिकता नहीं होनी चाहिए?
कांग्रेस अध्यक्ष ने मांग की कि उपनल कर्मचारियों पर लागू एस्मा तुरंत वापस लिया जाए, कर्मचारियों के प्रतिनिधियों को बातचीत के लिए बुलाकर समाधान खोजा जाए और उपनल व्यवस्था की पूर्ण समीक्षा कर पारदर्शी व स्थायी रोजगार व्यवस्था भी लागू की जाए।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड कांग्रेस इन कर्मचारियों के न्यायपूर्ण संघर्ष के साथ खड़ी भी है और सरकार की इस अलोकतांत्रिक कार्रवाई का पुरजोर विरोध भी करती है।