
ऊर्जा निगमों में इंजीनियर्स में बढ़ा पदोन्नति का डर, सीएम को पत्र लिखकर उठाई गंभीर चिंता
देहरादून: उत्तराखंड में ऊर्जा निगम इस बार अपनी विभागीय नीतियों को लेकर सुर्खियों में भी है। निगम में सेवानिवृत्त अधिकारियों को भी सेवा विस्तार दिए जाने और प्रभारी व्यवस्था बनाए जाने से इंजीनियरों में पदोन्नति को लेकर चिंता भी बढ़ गई है।
उत्तरांचल पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन ने इसे विभाग की कार्यकुशलता व पदोन्नति प्रक्रिया पर गंभीर असर डालने वाला बताया है। एसोसिएशन के महासचिव इंजीनियर राहुल चनाना ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि ऊर्जा निगमों में 60 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद भी कई उच्चाधिकारी सेवा विस्तार पर भी बने रहते हैं, जिससे विभागीय पदोन्नति बाधित हो रही है व वरिष्ठ अभियंताओं को उनके योग्य पद नहीं मिल पा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि सेवा विस्तार व प्रभारी व्यवस्था के कारण मुख्य अभियंता से लेकर सहायक अभियंता स्तर तक की पदोन्नतियां प्रभावित हो रही हैं। इसके परिणामस्वरूप अधिकारियों में असंतोष भी बढ़ा है और ऊर्जा योजनाओं के क्रियान्वयन पर भी नकारात्मक असर भी पड़ा है।
इंजीनियर चनाना ने कहा, “जब सेवानिवृत्त अधिकारी सेवा विस्तार पर पदों पर बने रहते हैं, तो विभाग में यह संदेश जाता है कि सक्षम व योग्य अधिकारियों पर भरोसा नहीं किया जा रहा। इससे संगठनात्मक दक्षता कमजोर भी होती है और निर्णय लेने की प्रक्रिया धीमी पड़ती है।”
एसोसिएशन ने सरकार से मांग की है कि ऊर्जा विभाग में सेवा विस्तार व प्रभारी व्यवस्था को तत्काल समाप्त भी किया जाए और लंबित पदोन्नतियों पर शीघ्र निर्णय लेकर नियमित नियुक्ति प्रक्रिया भी शुरू की जाए। इससे विभाग में पारदर्शिता, जवाबदेही व कार्यकुशलता बढ़ाने में मदद भी मिलेगी।