प्रदेशभर में भूकंप मॉक ड्रिल शुरू, डिजिटल ट्विन तकनीक का पहली बार उपयोग — SDRF, DDRF और अन्य बल जुटे

देहरादून: उत्तराखंड में भूकंप से बचाव व आपदा प्रबंधन क्षमता को परखने के लिए सुबह प्रदेशभर में व्यापक मॉक ड्रिल भी शुरू हो गई। पहाड़ से लेकर मैदान तक SDRF, DDRF, NCC, होमगार्ड्स व PRD के जवान अभ्यास में लगे हैं। थराली, हरिद्वार व देहरादून में सुबह 10 बजे से ही ड्रिल की शुरुआत हो गई थी।

राज्य आपदा संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए इस बार मॉक ड्रिल में डिजिटल ट्विन तकनीक का उपयोग भी किया जा रहा है। यह तकनीक किसी भवन या क्षेत्र की वर्चुअल प्रति तैयार करती है, जिससे वास्तविक परिस्थिति जैसी स्थितियों में बिना किसी जोखिम के बचाव अभ्यास भी किया जा सकता है।

आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार ड्रिल का उद्देश्य सभी जिलों की तैयारी की जांच करना व आपात स्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता बढ़ाना है। अभ्यास के दौरान कई आपदा परिदृश्यों को शामिल भी किया गया है—जिनमें बहुमंजिला आवासीय भवन ढहने, अस्पतालों के आंशिक क्षतिग्रस्त होने, स्कूल व कॉलेज भवनों में बच्चों के फंसने और रेस्क्यू ऑपरेशन जैसे सिचुएशन भी शामिल हैं।

अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के अभ्यास समुदायों की जागरूकता बढ़ाने व आपदा की स्थिति में त्वरित और प्रभावी बचाव सुनिश्चित करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।