भद्रराज सिद्धपीठ में ड्रेस कोड लागू: अमर्यादित वस्त्रधारियों को प्रवेश वर्जित, जरूरत पर मंदिर समिति देगी धोती

16-17 अगस्त मेले से पहले बड़ा निर्णय; श्रद्धालुओं से मर्यादित आचरण की अपील

मसूरी/देहरादून। भगवान भद्रराज (बलभद्र/बलराम) को समर्पित सिद्धपीठ भद्रराज मंदिर में अब अमर्यादित वस्त्रों में आने वाले श्रद्धालुओं को प्रवेश ही नहीं दिया जाएगा। यह निर्णय भद्रराज मंदिर समिति बिन्हार-जौनपुर-मसूरी, पछवाड़ून ने सर्वसम्मति से ही लिया है। समिति ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई श्रद्धालु अनुचित या अत्यधिक छोटे कपड़ों में पहुंचता है तो मंदिर परिसर में उसे धोती उपलब्ध भी कराई जाएगी, तभी दर्शन की अनुमति भी होगी।

मसूरी से लगभग 10 किलोमीटर दूर और 7,267 फीट की ऊंचाई पर स्थित भद्रराज मंदिर में हर वर्ष बड़ी संख्या में भक्त भी पहुंचते हैं। यहां 16 और 17 अगस्त को वार्षिक मेला आयोजित होता है, जिसे देखते हुए समिति ने पहले से ही ड्रेस संबंधी दिशानिर्देश भी जारी कर दिए हैं।

प्रतिबंधित वस्त्र (समिति के अनुसार)

मंदिर में प्रवेश करते समय निम्न प्रकार के कपड़े अमर्यादित माने जाएंगे और अनुमति नहीं होगी:

  • छोटे/घुटनों से ऊपर वाले कपड़े (शॉर्ट्स/हाफ पैंट)
  • स्कर्ट, मिनी स्कर्ट
  • नाइट सूट जैसे घर/सोने के वस्त्र
  • कटी-फटी (रिप्ड) जींस
  • अत्यधिक खुली या असंगत पोशाकें

समिति का आग्रह

समिति अध्यक्ष राजेश नौटियाल ने कहा कि

मंदिर परिसर में आने वाले सभी भक्त मर्यादित वस्त्र पहनें व आचरण भी मंदिर की गरिमा अनुरूप ही रखें। “जो श्रद्धालु अनुचित परिधान में आएंगे, उन्हें हम मंदिर स्तर पर धोती प्रदान कर सम्मानपूर्वक दर्शन कराएंगे, लेकिन बिना मर्यादित वस्त्र के प्रवेश ही नहीं।

धार्मिक महत्व

भद्रराज मंदिर की स्थापना भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलभद्र (बलराम) के नाम से मानी जाती है। पर्वत-चोटी पर स्थित यह धाम स्थानीय लोगों के साथ-साथ बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी आस्था का प्रमुख केंद्र भी है। वार्षिक मेले के दौरान यहां भारी भीड़ उमड़ती है; ऐसे में अनुशासन व परंपरा बनाए रखने के लिए ड्रेस कोड को आवश्यक कदम भी माना जा रहा है।